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ऑनलाइन सुविधा से सेल टैक्स वसूली में वृद्धि

By Edited By: Published: Wed, 05 Mar 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 05 Mar 2014 01:01 AM (IST)
ऑनलाइन सुविधा से सेल टैक्स वसूली में वृद्धि

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : वाणिज्य कर विभाग को इन दिनों ई गवर्नेस का भरपूर लाभ मिल रहा है। विभाग के पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कर चुकाने के लिए अब कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा है। ऑनलाइन सुविधा मिलने से व्यवसायियों की परेशानी दूर हुई है वहीं विभाग भी कर वसूली के मामले में अब पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। चालू वित्त वर्ष में यहां जनवरी माह तक वाणिज्य कर विभाग ने रिकार्ड 50 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स कलेक्शन कर ई गवर्नेस के प्रयोग को सफल कर दिखाया है। विभाग में अधिकारियों सहित फील्ड स्टाफ की भारी कमी के बाद भी टैक्स वसूली का काम प्रभावित नहीं हुआ है। यही वजह है कि सरकार ने गत वर्ष की तुलना में इस बार चालीस फीसद अधिक का लक्ष्य निर्धारित कर टैक्स वसूली का ग्राफ 71 करोड़ तक पहुंचा दिया है।

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जिले में वाणिज्य कर विभाग से पंजीकृत प्रतिष्ठानों की संख्या तीन हजार से अधिक हैं। इसमें छोटे कारोबारियों की संख्या एक हजार के करीब है। वहीं चार सौ की संख्या में पंजीकृत कारोबारियों की मौत भी हो गयी है। राज्य सरकार को प्रति वर्ष करोड़ों का राजस्व देने वाला उक्त विभाग मैन पावन की कमी से जूझ रहा है। यहां सीटीओ के तीन पद रिक्त हैं वहीं फील्ड स्टाफ में 36 स्वीकृत पद के विरुद्ध मात्र एक ही कार्यरत हैं। विभाग के पास एक मात्र वाहन है जो काफी पुराना है। ब्रेक डाउन होने की स्थिति में भाड़े की गाड़ी तलाश की जाती है। वाणिज्य कर का संग्रहण वैट के रूप में किया जाता है। राज्य सरकार की ओर से आलू, प्याज, खाद्यान्न, अगरबत्ती सहित अन्य जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं पर वैट नहीं लिया जाता है। वैसे वैट वसूली एक फीसद से लेकर 35 फीसद तक की जाती है। घरेलू वस्तुओं पर 14 फीसद और शराब पर 35 फीसद का वैट लिया जाता है। कई वस्तुओं को करमुक्त भी रखा गया है।

वर्जन

टैक्स वसूली में ऑनलाइन सुविधा से काफी लाभ मिल रहा है। चालू वित्त वर्ष में इस माह विभाग का लक्ष्य 19 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह करना है। अधिकारियों और कर्मियों की कमी से टैक्स वसूली अभियान को गति नहीं दिया जा सकता है। वैसे ऑनलाइन सुविधा ने व्यवसायियों को काफी लाभ मिल रहा है।

- संजय प्रसाद, सेलटैक्स डीसी।


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