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प्राचार्य का समर्थन व विरोध का दौर जारी

गढ़वा : एसएसजेएस नामधारी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. भागवत राम यादव के समर्थन एवं विरोध का दौर जा

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 09:48 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 09:48 PM (IST)
प्राचार्य का समर्थन व विरोध का दौर जारी

गढ़वा : एसएसजेएस नामधारी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. भागवत राम यादव के समर्थन एवं विरोध का दौर जारी है। कॉलेज का शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ प्राचार्य के समर्थन में उतर आया है। संघ के पदाधिकारियों ने नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुल सचिव को आवेदन देकर तथाकथित छात्र नेताओं द्वारा की गई शिकायत को निराधार बताया है। साथ ही इनके द्वारा अवैध नियुक्ति का दबाव बनाने की बात कही है। शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने कहा है कि कुछ तथाकथित छात्र नेता कॉलेज परिसर में अवैध उगाही कर रहे थे। इस पर प्राचार्य द्वारा ऐसे लोगों पर अंकुश लगाया जा रहा था। जिसको लेकर उनके द्वारा प्राचार्य के विरूद्ध अनर्गल बयानबाजी की जा रही है। आवेदन देने वालों में संघ के अध्यक्ष अवध किशोर ¨सह, विनोद प्रसाद सोनी, कन्हैया लाल, कृष्णा प्रसाद, कपिलदेव दुबे, शिशिर तिवारी तथा दशरथ उरांव के नाम शामिल हैं। जबकि कालेज के एनएसयूआई के अध्यक्ष सिराज अहमद ने कहा है कि असामाजिक तत्वों के कार्य में हस्तक्षेप किए जाने के कारण प्राचार्य पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। कुछ लोग प्राचार्य से अनैतिक कार्य कराना चाहते हैं। जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। एनएसयुआई से जुड़े मनवउवर अंसारी, अरशद अंसारी, सोनू कुमार बबन राज, इम्तेयाज अंसारी, सीमा कुमारी, सुमेर कुमार आदि ने कहा कि प्राचार्य के कार्यकाल में कालेज व छात्रों में कार्य किए जा रहे हैं। जबकि अखिल पलामू छात्र संघ, गढ़वा के केंद्रीय अध्यक्ष कमलेश पांडेय, जिलाध्यक्ष टारजन कुमार, रवि प्रकाश, अमित कुमार, सोनू कुमार, अमीर अंसारी, राजेश कुमार, गोपी कुमार, हरिओम प्रकाश, शिशुपाल आदि ने भी प्राचार्य का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कालेज को पढ़ाई की बजाय राजनीतिक अखाड़ा बनाना चाहते हैं। प्राचार्य अच्छा काम कर रहें हैं। मगर उन्हें अपना हित साधने के लिए प्राचार्य पर दबाव बनाया जा रहा है। इधर अखिल झारखंड छात्र संघ आजसू के जिलाध्यक्ष र¨वद्र नाथ ठाकुर ने कहा है कि प्राचार्य गलत कार्य कर रहें हैं। जिसका विरोध करने पर उन पर प्राथमिकी दर्ज कराने की धमकी दी जा रही है। उनके कार्यकाल में बीए प्रथम वर्ष का रिजल्ट प्रकाशित नहीं हो सका। छात्र संगठन प्राचार्य की धमकी से नहीं डरने वाले हैं।


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