कूड़ेदान में तब्दील हुई सरस्वतिया नदी
गढ़वा : शहर के बीच से गुजरने वाली सरसतिया नदी का अस्तित्व संकट में है। नदी कूड़ेदान में तब्दील हो
गढ़वा : शहर के बीच से गुजरने वाली सरसतिया नदी का अस्तित्व संकट में है। नदी कूड़ेदान में तब्दील हो गई है। शहर के लोगों नदी के कूड़ा-कचरा फेंक रहे हैं। कोई रोक-टेक करने वाला नहीं है। नदी में चारों तरफ कूड़ा-कचरों का अंबार लगा हुआ है। कचड़े से उठ रही दुर्गंध से लोगों को परेशानी भी हो रही है। साथ ही नदी की जमीन का लगातार अतिक्रमण भी किया जा रहा है। अतिक्रमण से नदी नाले में तब्दील हो गई है। नगर पंचायत की ओर से सरस्वतिया नदी की साफ-सफाई कर उसे बचाने के बदले उसमें कचड़ा फेंका जा रहा है। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले जिला प्रशासन द्वारा सरस्वतिया नदी की साफ-सफाई करायी गई थी। साथ ही नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए मापी का काम शुरू की गई थी। लेकिन बीच में अचानक मापी रोक दी गई।
शहर के लोग भी नदी को बचाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। नदी के अस्ति्व खत्म होने से जल संकट भी बढ़ रहा है।
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क्या कहते हैं लोग
सरस्वतिया नदी का अस्तित्व दिनो-दिन समाप्त हो रही है। नगर पंचायत व शहर के लोगों द्वारा नदी में ही कचड़ा फेंका जाना दुखद है। इस पर रोक लगनी चाहिए। अतिक्रमण को भी हटाया जाना चाहिए।
फोटो-3- डा. अनिल कुमार साव
कूड़े-कचरे से नदी नाले में तब्दील होते जा रही है। साफ-सफाई के मामले में नगर पंचायत पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। नदी में कचड़ा फेंकना गलत है।
फोटो-4- अरूण पटवा,
सरस्वतिया नदी सिर्फ नाम की रह गई है। नदी की साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर पंचायत की है। लेकिन नगर पंचायत द्वारा कचड़ा फेंका जाता है। जब नदी में ही कूड़ा-कचडा फेंका जाएगा तो पानी स्वच्छ कहा से मिलेगा।
फोटो-5- सुरेन्द्र विश्वकर्मा, गढ़वा।
पक्ष
नदी की सफाई नगर पंचायत के द्वारा कराई जाती है। नदी को गंदा नहीं किया जा रहा है। कुछ दिन पहले नदी की सफाई की गई थी। शहर का कूड़ा- कचड़ा वार्ड नंबर 16 स्थित शवदाह गृह के पास फेंका जा रहा है।
¨पकी केसरी, अध्यक्ष नगर परिषद गढ़वा।