वर्तमान परिवेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा आवश्यक : कुलपति
गढ़वा : विश्व में सिर्फ डिग्री की नहीं बल्कि गुणवतापूर्ण शिक्षा की पूछ हो रही है। वर्तमान परिवेश
गढ़वा : विश्व में सिर्फ डिग्री की नहीं बल्कि गुणवतापूर्ण शिक्षा की पूछ हो रही है। वर्तमान परिवेश में यहां के युवाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव है। यही कारण है कि देश ही नहीं विदेशों में भी यहां के युवा शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं। उक्त बातें नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एएन ओझा ने बुधवार को सूरत पांडेय डिग्री कॉलेज में इंटरनेशनल गुणवत्ता एसोरेंस सेल द्वारा उच्च शिक्षा में गुणवत्ता की सुनिश्चितता चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दुस्तान के एक भी विश्वविद्यालय दो सौ विश्वविद्यालयों में भी अपनी जगह नही बना पाए। युवाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। कौशल विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का कार्य होना चाहिए। शिक्षक चाहे तो युवाओं के भविष्य को बर्बाद भी कर सकते हैं या बना सकते हैं। पूर्व कुलपति डा. फिरोज अहमद ने कहा कि झारखंड में शिक्षा के लिए ललक ज्यादा है। नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का सूरत पांडेय डिग्री कॉलेज पहला ऐसा कॉलेज है, जहां इस तरह का सेमिनार का आयोजन किया गया है। इस क्षेत्र में तब्दीली लाना व लोगों को जगाना बहुत मुश्किल है। उच्च शिक्षा की शुरूआत देश में अंग्रेजों ने की थी। इसका लाभ लोग नहीं ले पा रहे हैं युवा भटक रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। कार्यशाला को नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डा. फैयाज अहमद, वनांचल डेंटल कॉलेज के निदेशक दिनेश प्रसाद ¨सह, डा. यासीन अंसारी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में कॉलेज के सचिव सह पूर्व विधायक युगल किशोर पांडेय, प्रो. केके मिश्रा, डा. गोपाल तिवारी, डा. सुभाष मिश्र, कॉलेज के प्राचार्य डा. दिलीप कुमार चौबे आदि उपस्थित थे। कार्यशाला का संचालन प्रो. कमलेश कुमार सिन्हा तथा धन्यवाद ज्ञापन विवेकानंद उपाध्याय ने किया।