नक्सली नेजाम ने अपने सहयोगियों का खोला कच्चा चिट्ठा
वहीं उसने पुलिस के समक्ष जो स्वीकार किया है उसके अनुसार उत्तरी क्षेत्र का कमान चतरा के गिरेंद्र जी क
वहीं उसने पुलिस के समक्ष जो स्वीकार किया है उसके अनुसार उत्तरी क्षेत्र का कमान चतरा के गिरेंद्र जी के हाथों में हैं तथा दस्ता में चतरा के ही पंकज गंझू को मोहम्मदगंज क्षेत्र का एरिया कमांडर, बिहार के औरंगाबाद के कदमारसीपुर निवासी अशोक कुमार मेहता उर्फ निर्भय जी उर्फ अक्षय, जिका के संतोष ¨सह खरवार, चतरा के निकेश गंझू विश्रामपुर क्षेत्र का एरिया कमांडर, कुंदा चतरा के मनोज यादव, पीएन उरांव तथा चतरा के ही सुधु गंझू शामिल है। उसने बताया कि संगठन के पास एके-47 दो, एके 56- एक, एसएलआर- 12, थ्री नॉट थ्री रायफल- 15, कार्बाइन- 3, सेमी ऑटोमैटिक रायफल -6 तथा थ्री फिफ्टीन बार का 10 रायफल मौजूद है। उसने बताया कि वह वर्ष 2003 में माओवादी उग्रवादी बली ¨सह खरवार का दस्ता गांव में आया और उसे अपने साथ दस्ता में चलने का प्रलोभन दिया। वह प्रलोभन में आकर नेजाम बली ¨सह के दस्ता में शामिल हो गया। उसने कहा कि वर्ष 2003-04 में एमसीसी माओवादी दस्ते द्वारा मेराल थाना के सुगवादामर के उमर अंसारी की हत्या गोली मारकर सुखनदी में कर दी गई थी। उक्त घटना के बाद नेजाम बिहार के कैमूर में जाकर नक्सलियों के शीर्ष नेताओं से ट्रे¨नग हासिल की। वहां से लौटने के बाद 2005 में नगर उंटारी थाना के संध्या गांव निवासी कोमल मेहता की हत्या दस्ता के अन्य सदस्यों के साथ कर दी। उसने कहा के 2006 में वह पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। दो वर्ष तक जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुआ। वर्ष 2013 में नेजाम माओवादी संगठन को छोड़कर टीपीसी के दस्ता में शामिल हो गया। इसकी सक्रियता को देखते हुए संगठन द्वारा इसे एरिया कमांडर बनाकर बरडीहा, मझिआंव, कांडी, नगर उंटारी, विशुनपुरा, खरौंधी, भवनाथपुर थाना क्षेत्र की जिम्मेवारी सौंपी गई।
नेजाम से मिली जानकारी के आलोक में पुलिस इसके सहयोगियों को घेरने की रणनीति बनाने में जुट गई है। बताया जा रहा है के नेजाम की गिरफ्तारी के बाद टीपीसी को उत्तरी क्षेत्र में बड़ा झटका लगा है।