जमीनी हकीकत देख अधिकारी भौंचक
गढ़वा : अपने चेंबर से बाहर निकल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टोली जब स्कूलों का हाल जानने निकली तो
गढ़वा : अपने चेंबर से बाहर निकल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टोली जब स्कूलों का हाल जानने निकली तो सरकारी स्कूलों की जमीनी हकीकत देख वे भौंचक रह गए। बुधवार को क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी सह प्रभारी जिला शिक्षा अधीक्षक नवल किशोर प्रसाद तथा सर्व शिक्षा अभियान के लेखा पदाधिकारी अनिल कुमार दुबे ने डंडई प्रखंड के तीन स्कूलों का निरीक्षण किया। उक्त अधिकारियों द्वारा सबसे पहले नव प्राथमिक विद्यालय खाड़ी टोला डंडई का निरीक्षण किया गया। यहां पता चला कि वर्षो से यह स्कूल खुला ही नहीं है। जबकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत यहां 25 लाख की लागत से शानदार स्कूल भवन बनाया गया है। निरीक्षण में अधिकारियों ने पाया कि विद्यालय के छह कमरा में ताला बंद था। एक कमरा खुला हुआ था जिसमें असामाजिक तत्वों द्वारा मुर्गा-भात बनाये जाने को प्रमाणित कर रहा था। पूछताछ के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि इस स्कूल में एक ही शिक्षक दीनानाथ प्रसाद पदस्थापित हैं। ग्रामीणों के अनुसार दीनानाथ को स्कूल संचालन से कोई मतलब नहीं रहता है। लिहाजा वर्षो से इस स्कूल में न तो शिक्षक और न ही छात्र आता हैं। इसी प्रकार जब अधिकारियों की टोली नव प्राथमिक विद्यालय बहेरवा पहुंची तो यहां भी दिन के 11 बजे ही स्कूल बंद मिला। पूछताछ के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के शिक्षक आदित्य लाल व एक सहयोगी शिक्षक स्कूल आते तो हैं। लेकिन स्कूल संचालन का कोई समय निर्धारित नहीं है। जांच के दौरान ग्रामीण तथा स्कूल के बच्चों ने बताया कि पिछले दो माह से स्कूल में मध्याह्न भोजन बंद है। मध्य विद्यालय डंडई के निरीक्षण में भी स्कूल बंद मिला। केवल वर्ग एक से पांच तक के महज 40 बजे उपस्थित मिले। स्कूल के सभी शिक्षक बीआरसी कार्यालय में बैठकर गप्पेबाजी करने में मशगूल थे। इस संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के लेखा पदाधिकारी अनिल कुमार दुबे ने कहा कि जांच प्रतिवेदन विभाग के उच्चाधिकारी को सौंपकर शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जाएगी। इस मौके पर डंडई के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दिनेश कुमार उपाध्याय आदि उपस्थित थे।