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आतंकियों ने मानवता को किया शर्मशार

गढ़वा : पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले की चहुंओर निंदा की जा रही है। जिला

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 10:47 PM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 10:47 PM (IST)
आतंकियों ने मानवता को किया शर्मशार

गढ़वा : पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले की चहुंओर निंदा की जा रही है। जिला एथलेटिक्स संघ द्वारा बुधवार से बालिका मध्य विद्यालय के मैदान में आयोजित जिलास्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता से पूर्व दो मिनट का मौन रखकर आतंकी हमले की निंदा की गई। साथ ही घटना में मारे गये स्कूली बच्चे व शिक्षकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इस मौके पर अलख नाथ पांडेय, अमृत शुक्ला, आलोक कुमार मिश्रा, जुनाहुद्दीन खां, मुमताज अहमद खां, उदय नारायण तिवारी आदि उपस्थित थे।

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इधर शहर के ज्ञान निकेतन कांवेंट स्कूल के शिक्षक एवं बच्चों ने इसे मानवता को शर्मशार करने वाली घटना बताते हुए इसकी तीखी भ‌र्त्सना की है। बुधवार को आतंकी घटना में मारे गए बच्चों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए ज्ञान निकेतन कांवेंट स्कूल परिसर में शोकसभा आयोजित की गई। दो मिनट का मौन रखकर मारे गए बच्चों के प्रति शोक व्यक्त किया गया। विद्यालय के निदेशक मदन प्रसाद केसरी ने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए कम है। क्योंकि स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चों पर हमला किया जाना तथा उनकी हत्या करना कहीं से भी जायज नहीं है। इस प्रकार की घटना की इजाजत कोई भी सभ्य समाज नहीं देता। शोक सभा में प्राचार्य बसंत कुमार ठाकुर, एसएन उपाध्याय, विनय चौबे, जिन्नत परवीण, सुषमा कुमारी, विनोद कुमार, मनोज कुमार रवि समेत बड़ी संख्या में बच्चे उपस्थित थे।

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पेशावर की घटना कायराना करार दिया

संस, गढ़वा : पाकिस्तान के पेशावर में आर्मी स्कूल पर किए गए आतंकी हमले को लोगों ने कायराना हमला करार दिया है। यह किसी धर्म या मजहब के अनुकूल नही है। मासूम बच्चों को मौत के घाट उतारना किसी भी दृष्टि से मानवीय नही कहा जा सकता है।

1. बच्चों को मौत के घाट उताराना निंदनीय तथा अमानवीय घटना है।

सुषमा तिवारी

2. मासूस बच्चों ने किसी का क्या बिगाड़ा है जो इतनी निर्ममता के साथ इनकी हत्या कर दी गई।

शोभा सोनी

3. बच्चों को मौत की नींद सुलाने की घटना ने मानवता को शर्मसार किया है।

सुजित कुमार

4. घटना इंसानियत पर कलंक हैं। इसमें शामिल लोगों को किसी भी देश में रहने नही देना चाहिए।

सोनल कुमार

5. इससे मानवता शर्मसार हुई है। जब शासन सेना से वे चरमपंथी मारे जाते हैं तो उसका बदला मासूम बच्चों से लेना घृणित है।

डा. रमेश चंचल

6. आतंकी मानवधिकार के भक्षक हैं। दक्षिण एशिया को अशांत करने की कोशिश है।

-एस एन पाठक


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