पहले चुनाव में जनता करती थी आर्थिक सहयोग
गढ़वा : आज से 50 पूर्व चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या दो-चार हुआ करती थी, तो चुनाव में खर्च
गढ़वा : आज से 50 पूर्व चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की संख्या दो-चार हुआ करती थी, तो चुनाव में खर्च भी कम होता था। पूर्व के चुनावों में प्रत्याशी को क्षेत्र की जनता चुनाव लड़ने के लिए अपने पास से भी आर्थिक सहयोग किया करती थी। वहीं आज के बदले परिवेश में प्रत्याशी वोटर को नोट देकर वोट खरीदने की जुगत में लगे रहते हैं।
आज के चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई तो चुनाव का खर्च भी हजार व लाख को पार कर अब करोड़ में जा पहुंचा है। जब इतनी भारी-भरकम राशि खर्च कर कोई विधायक-मंत्री बनेगा तो उसमें सेवाभाव की कमी होना स्वभाविक है। यह बातें सेवानिवृत्त 80 वर्षीय शिक्षक रामेश्वर पाल ने कही। उन्होंने कहा कि पूर्व के चुनाव में न तो प्रत्याशी के साथ आज की तरह वाहनों का लंबा काफिला होता था और ना ही इतनी लंबी कार्यकर्ताओं की फौज ही। आज का चुनाव क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर नहीं, बल्कि पैसे के बल पर लड़ा जा रहा है।