चेकडैम निर्माण में नहीं रखा गया गुणवत्ता का ख्याल
गढ़वा : जिला मुख्यालय में पेयजल समस्या को देखते हुए एवं भूमिगत जलस्तर को ऊपर लाने के मकसद से 3.78 करोड़ रुपये की लागत से चेकडैम का निर्माण कराया गया है। मगर इतने रुपये खर्च करने के बावजूद चेकडैम का पानी बह गया। वर्षा का पानी स्टोर नहीं हो सका। गढ़वावासियों की पुन: मुसको भव: वाली स्थिति है। चेकडैम बनने का लाभ लोगों को नहीं मिला और न ही भूमिगत जलस्तर में वृद्धि हुई। लोग अपने-आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि संवेदक द्वारा चेकडैम निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया। सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ है। लोगों ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
- चेकडैम का पानी बह जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सिर्फ संवेदक के लाभ के लिए बनाया गया है। आम जनता को इसका लाभ नहीं मिल सका। इसमें बड़े पैमाने पर सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ है।
-रामकृष्ण पांडेय, सेवानिवृत शिक्षक, गढ़वा
- चेकडैम का निर्माण भूमिगत जलस्तर को ऊपर लाने के मकसद से किया गया है। इसकी ऊंचाई कम है। बावजूद इसके सीमित क्षेत्र के लोगों को ही इसका लाभ मिलना चाहिए था। मगर यह लाभ भी नहीं मिल सका। उल्टे पानी बह गया। इसकी जांच होनी चाहिए।
-डा. मो. यासिन अंसारी, चिकित्सक, गढ़वा
- भूमिगत जलस्तर को ऊपर उठाने के मकसद से चेकडैम बनाने का सही निर्णय है। मगर इसमें सरसतिया नदी के प्रदूषित पानी की निकासी करने की व्यवस्था भी की जानी चाहिए थी। दूषित पानी के निकालने की व्यवस्था नहीं होने से चेकडैम में जमा पानी प्रदूषित हो गया। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद पानी बह जाना दुभार्ग्यपूर्ण है।
नंदकुमार गुप्ता, सदस्य, जायंट्स ग्रुप, गढ़वा
- चेकडैम निर्माण का लाभ नहीं मिल सका। सरकार के करोड़ों रुपये बर्बाद हो गए हैं। पहली वर्षा में ही पानी चेकडैम में जमा होने से लोगों की उम्मीदें जगी थी। मगर इसका लाभ गढ़वावासियों को नहीं मिल सका।
विजय कुमार केसरी, समाजसेवी, गढ़वा
- गढ़वावासी भीषण पेयजल संकट झेलते रहते हैं। गर्मी के दिनों में भूमिगत जलस्तर काफी नीचे चला जाता है। चापाकल एवं डीप बोर से पानी आना बंद हो जाता है। लोग पानी के लिए इधर उधर भटकते हैं। इसी संकट को दूर करने के मकसद से दानरो नदी में चेकडैम बनाया गया था। मगर इसका लाभ लोगों को नहीं मिल सका।
-रामदेव सिंह, व्यवसायी, गढ़वा
- चेकडैम का पानी बह जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाया गया चेकडैम में वर्षा का पानी जमा नहीं रह सका। इसकी जांच होनी चाहिए। जबकि इस चेकडैम से जनता की उम्मीदें जुड़ी हुई थी। हालांकि चेकडैम निर्माण के पूर्ण सरसतिया नदी के दूषित पानी की निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए थी या अन्य स्थान पर चेकडैम का निर्माण होना चाहिए था।
राजेश कुमार गुप्ता, समाजसेवी, गढ़वा