अस्पताल में 111 दवाओं में महज 34 ही उपलब्ध
नगर उंटारी : नगर उंटारी अनुमंडलीय अस्पताल में आइपीएचएस मानक के अनुरूप निर्धारित आवश्यक दवाओं में से 70 प्रतिशत दवा की उपलब्धता नहीं है। इस कारण आम लोगों को कई दवाएं बाहर से लेनी पड़ती हैं। जबकि आइपीएचएस मानक के अनुसार प्रखंडों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 111 प्रकार की दवाएं रखने की आवश्यकता है। परंतु अनुमंडलीय अस्पताल में फिलहाल एलबेंडाजोल, सिप्रोफोलक्सासीन, एजीथ्रोमाइसीन, पारा सिटामोल, फुलुकोना जोल, डाईसाइक्लोविन, आयरन, आईबू जेस्ट, सिप्रोनरफलोक्सा टीजेड, क्लोरोक्यून, प्राईमाक्यून, एनटी मलेरियल कीट, जेन्टामाईसीन, डाईसाईक्लोविन, एमटी सिलिन सहित 34 प्रकाश की दवाएं ही अस्पताल के दवा भंडार में उपलब्ध है। जबकि एडवांस एंटीबायोटिक, पीलिया, मधुमेह, खांसी आदि के दवाएं नगर उंटारी अनुमंडलीय अस्पताल में दवा नही है। मरीजों को यह दवाएं बाहर से खरीदना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि अस्पतालों में दवाओं के उपलब्धता गुणवत्ता सेवा प्रदान करने के लिए एक जरूरी पहलू है तथा दवाओं की अनुपलब्धता अस्पताल की उपयोगिता को प्रभावित तो करती ही है साथ ही अस्पतालों के लिए आईपीएचएस दिशा निर्देश के अनुरूप निर्धारित जरूरी दवाओं की अनुपलब्धता ग्रामीण लोगों के द्वारा किये गये खर्च पर भी असर डाल सकती है। अस्पताल में सभी दवा उपलब्ध नहीं रहने के कारण ग्रामीण जनता मुफ्त दवा लेने के लाभ से वंचित रह जा रहे है। भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक ने भी अपने रिपोर्ट में दर्शया है कि नमूना जांची तो अस्पतालों में आईपीएचएस नारम के अनुरूप 26 से 85 प्रतिशत तक दवाओं की कमी देखी गई है। जो ग्रामीण जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने में पीछे है।
-पक्ष दवा क्रय करना जिला का कार्य है। कुछ दिन पूर्व जिला द्वारा दवा की सूची भेजी गई थी। जिसे लिखकर भेजा गया है। यदि लिखकर भेजी गई सभी दवाएं उपलब्ध करा दी गई तो हम आईपीएचएस मानक को पूरा कर लेंगे।
डा. अजीत सिंह, प्रभारी अस्पताल उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल नगर उंटारी।