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तुगलकी फरमान ने बच्चों की बढ़ाई मुश्किलें

By Edited By: Published: Tue, 22 Apr 2014 02:16 AM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 02:16 AM (IST)
तुगलकी फरमान ने बच्चों की बढ़ाई मुश्किलें

गढ़वा : शिक्षा अधिकारियों के तुगलकी फरमान ने जिले के सरकारी उच्च विद्यालयों में वर्ग नौ में नामांकन लेने वाले छात्र तथा इनके अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ा दी है। स्कूल के प्रधानाध्यापक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, गढ़वा तथा क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक पलामू के मौखिक आदेश के आलोक में वर्ग नौ में नामांकन कराने वाले बच्चों के अभिभावक से कोर्ट का शपथ लिये जाने का हवाला दे रहे हैं। इधर इस मसले पर जिला शिक्षा पदाधिकारी रामयतन राम ने चुप्पी साध ली। जबकि क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक खगेंद्र कुमार ने बच्चों के अभिभावकों से कोर्ट का लिये जा रहे शपथ पर आश्चर्य जताते हुए इसे अव्यवहारिक बताया। साथ ही इसकी जांच करा दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की बात भी कह डाली।

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- क्या है मामला

जिले के सभी उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा वर्ग नौ में नये बच्चों का नामांकन हेतु इनके अभिभावक से कोर्ट के माध्यम से शपथ पत्र लिया जा रहा है। चूंकि जिले में वर्तमान में स्टांप वेंडरों की हड़ताल चल रही है। जिस कारण टिकट मिलने में परेशानी हो रही है। इस कारण अभिभावकों को एक-एक शपथ पत्र तैयार करने के एवज में 200-250 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। सोमवार को कचहरी परिसर में शपथपत्र बनवाने के लिए बच्चे तथा इनके अभिभावकों की भीड़ उमड़ पड़ी। हैरत की बात तो यह कि स्कूलों द्वारा निर्गत नामांकन फार्म में ही बच्चों के अभिभावकों से घोषणा पत्र तथा शर्तनामा पर हस्ताक्षर लिया जा रहा है। जिसमें जिस स्कूल में बच्चा का नामांकन कराया जा रहा है। उस स्कूल के अलावा संबंधित छात्र का किसी दूसरे स्कूल में नामांकन नहीं है। नामांकन के साथ ही बच्चे का स्कूल द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करने, बच्चा एक सप्ताह लगातार अनुपस्थित रहा तो उसका नाम स्कूल से हटा दिये जाने तथा स्कूल में छात्र की उपस्थिति 75 फीसद नहीं होने पर स्कूल द्वारा छात्र का पंजीयन से वंचित किया जाना शामिल है। बावजूद इसके प्रधानाध्यापकों द्वारा बच्चों के इन अभिभावकों से बच्चे का स्कूल में उपस्थिति 75 फीसदी होने का कोर्ट का शपथ पत्र मांगा जा रहा है। ऐसे में नाहक ही बच्चों के साथ-साथ इनके अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है।

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मैं पूरी वस्तुस्थिति से डीईओ को अवगत करा चुका हूं। बावजूद उनके द्वारा नामांकन हेतु अभिभावकों का कोर्ट का शपथ लेने का आदेश दिया गया है। डीईओ के आदेश के आलोक में ही कोर्ट का शपथ मांगा जा रहा है। अगर इस संबंध में विभाग से आवश्यक निर्देश मिलेगा तो हम उसका पूरी तरह से पालन करेंगे।

अजित कुमार, प्रभारी प्राचार्य, गोविंद जमा दो उच्च विद्यालय, गढ़वा।

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मैंने किसी को नामांकन के लिए कोर्ट का शपथपत्र लिये जाने को नहीं कहा है। बच्चा का अभिभावक सादे कागज में ही बच्चा का स्कूल में 75 फीसदी उपस्थिति का घोषणा कर सकते हैं। अगर इन्हें कोर्ट का शपथ पत्र दिये जाने को बाध्य किया जा रहा है तो इसकी जांच करा दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

खगेंद्र कुमार, आरडीडीई, पलामू।


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