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बड़गढ़वासियों को मय्यसर नहीं शुद्ध पेयजल

By Edited By: Published: Tue, 22 Apr 2014 02:16 AM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 02:16 AM (IST)

बड़गढ़ : भंडरिया प्रखंड अंतर्गत बड़गढ़ गांव में विगत तीन दशक से पेयजालपूर्ति योजना ठप पड़ी है। लोगों को शुद्ध पेयजलापूर्ति के लिए 12 हजार लीटर की क्षमता वाली जलमीनार अपने स्थापना काल से ही खुद प्यासी है। लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए बड़गढ़ में पाईप लाइन का जाल बिछा हुआ है। बावजूद इसके बड़गड़ के लोग इस तपती गर्मी में पानी के लिए तरस रहे हैं।

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जानकारी के अनुसार 1981 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा बड़गढ़ में पेयजालपूर्ति हेतु एक जलमीनार की स्थापना की गई थी। प्रत्येक घर में पेयजल की आपूर्ति हेतु पाईप लाईन भी बिछाई गाई थी। कुलवंती नदी से जल की आपूर्ति करनी थी। नदी में कुंआ सहित पंप सेट भी स्थापित किया गया था। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण यह पेयजलापूर्ति योजना आज तक तक सफल नहीं हो सकी है। गांव के लोग आज भी चापानल का जलस्तर नीचे चले जाने के कारण चुआंड़ी का पानी पीने को विवश हैं। वर्तमान में जलमीनार की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी है जो कभी भी ध्वस्त हो सकती है। जलमीनार का परिसर झाड़ियों से भर चुका है। सरकारी तंत्र अगर चाहे भी तो पाईप लाइन जलमीनार में आपूर्ति नही किया जा सकता है।

-पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत 2012 में बड़गढ़ में पेयजलापूर्ति हेतु कुलवंती नदी के किनारे स्थिति पंप हाउस में रखा हुआ पंप की मरम्मत कर जल की आपूर्ति सुनिश्चित कराया गया था। मगर कुछ दिन बाद 2013 पुन: खराब हो गया जिससे पानी की सप्लाई बंद हो गया। जानाकरी के अनुसार विभाग द्वारा जो जल की आपूर्ति की जाती थी उसका उपयोग सिर्फ नहाने व कपड़ा धोने में ही किया जाता था। पानी मटमैला होता था। क्योंकि वह जलमीनार से नहीं आता था। सीधे पाईप लाइन द्वारा सप्लाई की जाती थी।


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