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ग्यारह से चलेगी पूर्णियां तक ट्रेन

मधेपुरा [राकेश रंजन]। आखिरकार बहुप्रतिक्षित सहरसा-पूर्णिया रेलखंड में ट्रेनों का परिचा

By Edited By: Published: Thu, 02 Jun 2016 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jun 2016 06:14 PM (IST)

मधेपुरा [राकेश रंजन]। आखिरकार बहुप्रतिक्षित सहरसा-पूर्णिया रेलखंड में ट्रेनों का परिचालन की तिथि निर्धारित हो गई। रेल मंत्री सुरेश प्रभु 11 जून को बनमनखी से पूर्णिया के बीच सवारी गाड़ी को हरी झंडी दिखाकर इस रेलखंड का शुभारंभ करेंगे। मोतिहारी से ही रेल मंत्री वीडियो कांफ्रे¨सग के माध्यम से ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर विदा करेंगे।

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पांच जोड़ी चलेगी ट्रेनें :

फिलहाल सहरसा-पूर्णिया रेलखंड में पांच जोड़ी ट्रेन चलायी जाएंगी। बनमनखी तक चल रही तीन जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों को पूर्णिया तक विस्तारित कर चलायी जायगी। जानकी एक्सप्रेस को कटिहार तक विस्तारित किया जायेगा। इससे पूर्व जानकारी एक्सप्रेस प्रतिदिन सहरसा से जयनगर तक आती-जाती थी। अब जानकी कटिहार से मधेपुरा-सहरसा होते जयनगर तक जाएगी। वहीं फिलहाल मुरलीगंज से पटना जाने वाली कोसी एक्सप्रेस भी 11 जून के बाद पूर्णिया कोर्ट स्टेशन से खुलेगी।

कई माह से अटका था पारिचालन :

सबकुछ अप-टू-डेट रहने के बावजूद सहरसा-पूर्णिया रेलखंड में ट्रेनों का पारिचालन प्रारंभ नहीं किया जा रहा था। जबकि 26-27 अप्रैल को ही सीआर ने निरीक्षण कर हरी झंडी दिखा दी थी। इसके बाद मंत्रालय की हरी झंडी के इंतजार में पूर्णिया तक ट्रेनों का पारिचालन प्रारंभ नहीं हो पा रहा था। इससे पूर्व 26 मई को इस रेलखंड के शुभारंभ की तिथि की चर्चा थी।

आठ साल बाद पूर्णिया तक दौड़ेगी ट्रेन :

2008 के कुसहा त्रासदी के समय सहरसा-पूर्णिया रेलखंड में जगह-जगह पटरी उखड़ गई थी। इसके बाद रेलवे ने मरम्मत के बजाय आमान परिवर्तन ही कराने का निर्णय लिया। जिसके बाद सहरसा से बनमनखी तक ट्रेनों का पारिचान प्रारंभ हुआ। इसके बाद लोगों की उम्मीदें पूर्णिया तक ट्रेन का पारिचालन प्रारंभ हुआ। इसके बाद लोगों की उम्मीदें पूर्णिया तक ट्रेन पारिचालन पर टिकी थी।

--हाटे बाजार व वैशाली की है उम्मीद :

बनमनखी-पूर्णिया के बीच ट्रेनों का पारिचालन प्रारंभ होने से मधेपुरा के लोगों को अब पूर्णिया-कटिहार जाने में सुविधा होगी। 2008 के बाद पूर्णिया जाने के लिए मात्र सड़क मार्ग की एकमात्र साधन था। हालांकि मधेपुरा को पूर्व से चल रही ट्रेनों के अलावा एकमात्र ट्रेन जानकी एक्सप्रेस का ही फायदा हुआ। शेष पूर्व से ही चलने वाली ट्रेनों को विस्तारित किया गया। सहरसा से सियालदह तक जाने वाली हाटे-बजारे एक्सप्रेस का रूट बदलकर मधेपुरा-पूर्णिया होते हुए चलाये जाने की उम्मीदें हैं। इसके अलावे वैशाली को सहरसा तक विस्तारित किए जाने की मांग भी पूरी नहीं हो पाई है।


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