सरकार में रहने का मतलब सेवा है, पावर नहीं: रघुवर दास
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भ्रष्ट अफसर, नेता व बिचौलिए की तिकड़ी को खत्म किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, दुमका। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को दुमका में प्रमंडलीय 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की कार्यशाला में स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार में रहने का मतलब सेवा है न कि पावर। भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वक्त आ गया है कि विकास के वृक्ष को भ्रष्टाचार के दीमक से हमें बचाना होगा।
प्रखंडों व थानों की कार्यशैली से सरकार की छवि बिगड़ रही है। अब भी थाना-प्रखंडों में गांधी के दर्शन के बिना यानी बिना पैसे लिए कोई काम नहीं होता है। इसलिए भ्रष्ट अफसर, नेता व बिचौलिए की तिकड़ी को खत्म किया जाएगा। वर्ष 1975 में जिन उद्देश्यों की पूíत के लिए 20 सूत्री कमेटी का गठन हुआ था वह अब तक अधूरा है। कार्यक्रम में संताल परगना के सभी छह जिलों दुमका, देवघर, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा एवं जामताड़ा से आए 20 सूत्री कमेटी की सदस्यों ने शिरकत की।
रघुवर ने कहा कि भले ही गरीबी हटाओ का नारा दूसरे दलों के लिए भोग का साधन रहा हो लेकिन उनकी सरकार गरीबी और बेरोजगारी को कम करने का संकल्प ले चुकी है। कहा कि लंबे समय तक शासन करना है तो अहंकार को दूर करना होगा। शासन के लिए अनुशासन जरूरी है। अनुशासन तोड़नेवाले आउट किए जाएंगे। जनता को काम चाहिए। इस दौरान उन्होंने करीब 15 करोड़ 90 लाख रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दुमका में आउटडोर स्टेडियम से कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। सीएम ने कुल 15 करोड़ 90 लाख रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
इस मौके पर मंत्री राज पालीवार ने कहा कि पंचायत सचिवालय के माध्यम से अंतोदय विकास होगा। पंचायत स्वयंसेवक विकास की बुनियाद रखने वाले है। बिना किसी भेदभाव के सरकार की नीति जनता तक पहुंचाए पंचायत स्वयंसेवक।
मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सबका साथ सबका विकास है। टीम वर्क के तहत काम हो रहा है। ईमानदारी से जिम्मेवारियों का निर्वहन करे पंचायत स्वयंसेवक।
सीएम रघुवर दास ने पंचायत स्वयंसेवकों के प्रमंडलीय सम्मेलन सह सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में कहा कि - स्वेच्छा से हजारों युवक-युवतियां बेहतर काम कर रहे हैं। सरकार की नीतियों को बेहतर तरीके से आम जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे है। डिग्री के साथ हुनर चाहिए। स्किल्ड झारखंड बनाना है। इसके लिए 700 करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान किया गया है। संताल परगना से पलायन खत्म करना है।
उनके मुताबिक, मोमेंटम झारखंड का असर दिखने लगा है। हर पंचायत से 100 युवक-युवतियों को चिन्हित कर स्किल्ड किया जाएगा। प्रखंड और थाना की कार्यशैली से सरकार की छवि बिगड़ती है। बिना गांधी के दर्शन का काम नहीं करते। इसे ख़त्म करना है। बिचौलिया राज खत्म होगा।
अनाथ बच्चों की नाथ सरकार बनेगी। ब्लॉक के चक्कर से छुटकारा मिलेगा। नौकरशाही के भरोसे विकास संभव नहीं। विकास की अपार संभावना है और सरकार विकास की राह पर निकल चुकी है। वोट की नहीं विकास की राजनीति होगी। गरीबी को खत्म करना सरकार की प्राथमिकता। नौकरी नहीं सेवा समझ कर उत्तरदायित्व का निर्वहन करें पंचायत स्वयंसेवक।
दुमका के इंडोर स्टेडियम में राज्य 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की प्रमंडलीय कार्यशाला में
सीएम रघुवर दास, मंत्री डॉ लुईस मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा और राज पालीवार मौजूद थे।
अमित खरे ने कहा कि 20 सूत्री की मीटिंग को गंभीरता से किया जाए। महज कोरम पूरा नहीं हो। सकारात्मक आलोचना हो, टीम भावना से हो काम।
20 सूत्री उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि संताल परगना को नहीं मिल रहा वास्तविक हक। इस इलाके का विकास सरकार की प्राथमिकता। 20 सूत्री की बैठक में शामिल नहीं होने वालों पर होगी कार्रवाई।
श्रम मंत्री राज पालीवार ने कहा कि राज्य सरकार और जनता के बीच 20 सूत्री कमिटी एक अहम कड़ी
मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने कहा कि गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा हो काम। योजनाओं के लाभ आम जनता तक ईमानदारी से पहुंचाएं।
मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि 20 सूत्री के उद्देश्य को शत प्रतिशत धरातल पर उतरने की जरूरत है
सीएम रघुवर दास ने कहा कि -20 सूत्री कमिटी के गठन का उद्देश्य अधूरा। 70 साल में गरीबी और बेरोजगारी घटने के बजाए बढ़ी। दूसरे दाल के लिए गरीबी हटाओ भोग का साधन हो सकता है। कमियों को दूर करना होगा। संसाधन और खनिज की कमी नहीं है। 2018 गांव-गांव में बिजली पहुचाने का लक्ष्य। शासन की मजबूरियों को भी समझना होगा। अधिकार कर्तव्य निर्वाहन का साधन बने।
अर्थ के प्रभाव से विकृतियां आ रही है। समाज और राजनीति में विकृति आई है। पैसे की ताकत योग्यता को खारिज करने पर आमादा है। चिंतन की जरुरत है।लंबे काल तक शासन करना है तो अहंकार से दूर रहना होगा। किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं। शासन में अनुशासन जरूरी। अनुशासन तोड़ने वाले आउट होंगे। जनता को काम चाहिए। समन्वय से काम जरूरी। सिस्टम से काम करना जरूरी। सरकार में रहने का मतलब सेवा है पावर नहीं।
एक दिन में बदलाव संभव नहीं। तीन माह में हरहाल में हो 20 सूत्री की बैठक। सार्वजनिक स्तर पर कमजोरियों को उजागर नहीं करें। इस मौके पर उनके साथ मंत्री लुईस मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा और राज पलिवार भी थे।
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