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युवा करेंगे महामाया लाइब्रेरी का कायाकल्प

रानीश्वर : रानीश्वर प्रखंड के कुमीरदहा गांव के युवकों ने नये साल में महामाया लाइब्रेरी का कायाकल्प क

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 06:57 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 06:57 PM (IST)
युवा करेंगे महामाया लाइब्रेरी का कायाकल्प
युवा करेंगे महामाया लाइब्रेरी का कायाकल्प

रानीश्वर : रानीश्वर प्रखंड के कुमीरदहा गांव के युवकों ने नये साल में महामाया लाइब्रेरी का कायाकल्प करने का संकल्प लिया है। दरअसल वर्ष 1950 में स्थापित महामाया लाइब्रेरी फिलहाल अंतिम सांसें ले रही है। इस लाइब्रेरी की स्थापना प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत की गई थी। समुचित देखरेख के अभाव में लाइब्रेरी का भवन धराशायी हो चुका है और इसकी तमाम गतिविधियां ठप है। भवन के जर्जर होने के कारण यहां की मौजूदा पुस्तकों को सहेजने के लिए मध्य विद्यालय कुमीरदहा के एक कमरे में पुस्तकों को रखा गया है।

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लाइब्रेरी की गतिविधियां ठप होने के कारण यहां के प्रबुद्ध, युवा व पाठकों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। ये लोग पुस्तकों के अध्ययन से भी वंचित हैं।

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नये साल में गांव के युवाओं ने लिया है संकल्प

नये साल की शुरुआत में ही यहां के युवा, ग्रामीण एवं प्रबुद्धजनों ने मिलकर यह संकल्प लिया है कि इस धरोहर को फिर से पुर्नजीवित किया जाएगा। इसकी योजना भी तैयार कर ली गई है। गांव के भदेश्वर मंडल, विमल मंडल, गदाधर मंडल, धीरेंद्रनाथ लायक कहते हैं कि इस ऐतिहासिक लाइब्रेरी के भवन का धराशायी होना दुखद है। इसे नया जीवन देने को सामूहिक प्रयास किया जाएगा। कहा कि यहां के विधायक नलिन सोरेन एवं पंचायत समिति के प्रमुख व इस पंचायत के मुखिया से भवन निर्माण कराने का अनुरोध किया गया है। हालांकि अब तक कोई सहयोग नहीं मिला है। इस वजह से यहां की पुस्तकें नष्ट हो रही हैं। पुस्तकों को नष्ट होने से बचाने के लिए इसे मध्य विद्यालय के एक कमरे में रखा गया है।

असीम कुमार गोराई ने कहा कि लाइब्रेरी के संचालन व देखभाल की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की है। यहां बालिका प्रारंभिक शिक्षा के तहत मध्य विद्यालय कुमीरदहा में बनाया गया है। बालिका संकुल भवन शोभा की वस्तु है। बालिका संकुल भवन में लाइब्रेरी का संचालन करने से पाठकों को पुस्तक आदान-प्रदान करने में सुविधा होगी और भवन का रखरखाव भी हो सकेगा। सुशांत गोराई, बापी मंडल, अनाथ बंधु कहते हैं कि बालिका संकुल का भवन लाइब्रेरी संचालन के लिये उपलब्ध होने पर इस लाइब्रेरी के लिए आजीवन सदस्य बनाने का अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए भी रणनीति तैयार कर सदस्यता अभियान चलाने की तैयारी है। वनमाली रजवार, सुभाशीष लायक एवं देवाशीष लायक ने कहा कि लाइब्रेरी को पुनर्जीवित करने के लिए ग्रामीणों के साथ बैठक की जाएगी। इस बैठक में लाइब्रेरी के लिए कोष संग्रह करने पर विमर्श किया जाएगा और लाइब्रेरी को दुरुस्त कराया जाएगा। लाइब्रेरी के संस्थापक सदस्य व सेवानिवृत्त शिक्षक बाबूलाल गोराईं युवा व ग्रामीणों के इस प्रयास से काफी हर्षित हैं। कहते हैं कि महामाया लाइब्रेरी धरोहर है और इसे बचाने के लिए लोगों ने जो संकल्प लिया है इससे जीवनदान मिलने की आस जगी है।


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