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एसटी की जगह सामान्य को तरजीह देने से नाराजगी

रानीश्वर : भारतीय जनता पार्टी की ओर से गठित रानीश्वर प्रखंड निगरानी समिति की घोषणा से विवाद उत्पन्न

By Edited By: Published: Tue, 17 Jan 2017 06:39 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jan 2017 06:39 PM (IST)
एसटी की जगह सामान्य को तरजीह देने से नाराजगी

रानीश्वर : भारतीय जनता पार्टी की ओर से गठित रानीश्वर प्रखंड निगरानी समिति की घोषणा से विवाद उत्पन्न हो गया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष निवास मंडल ने बीते 10 जनवरी को जिला कार्यसमिति की बैठक में नौ सदस्यीय प्रखंड निगरानी समिति का गठन करने की घोषणा की थी। समिति में अनुसूचित जनजाति वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में बांसकुली पंचायत के जोसेफ मरांडी का चयन किया गया है। सुखजोड़ा पंचायत के श्यामल रुज को अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधि चुना गया है।

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महिला वर्ग से बांसकुली की डॉली पाल दिव्यांग वर्ग से है। सादीपुर के विद्युत पाल, बोराडांगाल के दीपेन साहा एवं परिहारपुर के सुशांत कुमार घोष का चयन किया गया है। सामान्य वर्ग से रानीश्वर के पुलक घोष, महिषबथान से तपन साहा एवं आसनबनी से सुरेश साव का चयन किया गया है। बता दें कि श्यामल रूज जाति के मयरा हैं और मयरा पिछड़ी जाति के दायरे में आते हैं। यहां सामान्य जाति वर्ग से पुलक तपन एवं सुरेश का चयन किया गया है जबकि तीनों पिछड़ी जाति के हैं। मतलब यह कि श्यामल सामान्य वर्ग के प्रतिनिधि हैं। सामान्य वर्ग के प्रतिनिधि को अनुसूचित जाति का प्रतिनिधि चुन कर प्रखंड निगरानी समिति में अनुसूचित जाति वर्ग के साथ भेदभाव किया गया है। पूर्व में भी प्रखंड बीस सूत्री समिति की गठन की अधिसूचना जारी कर उस समिति में सामान्य जाति के सुभाष दास को अनुसूचित जाति का प्रतिनिधि चुना गया था।

उक्त चयन को नियम के विरुद्ध व गलत बताकर आजसू के जिला अध्यक्ष अजय कुमार ¨सह मुख्यमंत्री रघुवर दास को आवेदन दे कर प्रखंड बीस सूत्री समिति को भंग करने का मांग कर चुके हैं। भाजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष विश्वजीत सरकार शिवधन मुर्मू रघुनाथ दत्त एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने भी मुख्यमंत्री को आवेदन देकर नये सिरे से बीस सूत्री समिति गठन कराने की मांग की हैं। इस मामले का निष्पादन अभी हुआ भी नहीं है और दूसरी ओर प्रखंड निगरानी समिति में सामान्य जाति को अनुसूचित जाति का प्रतिनिधि चयन किये जाने से नया विवाद सामने आ गया है। इस कमेटी को लेकर भी यहां कई स्तर पर

विवाद है और कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कई लोगों का मानना है कि यहां भाजपा मंडल समिति में अनुसूचित जाति के योग्य प्रतिनिधि नहीं रहने के कारण सामान्य जाति को एसटी प्रतिनिधि बनाया गया है।


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