पोस्ता की कालाबाजारी में कई हुए लाल
दुमका : दुमका नगर थाने में दुमका सदर प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड आपूíत पदाधिकारी राजेश केरकेट्टा के द्
दुमका : दुमका नगर थाने में दुमका सदर प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड आपूíत पदाधिकारी राजेश केरकेट्टा के द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 20 बोरा पोस्ता की कालाबाजारी के मामले में नामजद आजाद कै¨रग ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक पर अब तक कानूनी कार्रवाई नहीं होना कई सवाल खड़ा करता है। पांच फरवरी 2016 को प्रखंड आपूíत पदाधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मुताबिक 20 बोरा पोस्ता गलत उद्देश्य से कालाबाजारी के जरिए्र झारखंड से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा था। मामले की छानबीन इस बात का भी जिक्र है कि प्राप्त पोस्ता की प्राप्ति रसीद खन्ना किराना स्टोर मेन रोड खारीबोली दिल्ली से 28 जनवरी को 10 ¨क्वटल पोस्ता का क्रय किया गया। उस स्टोर के टीन नंबर की जांच जब नेट पर की गयी तो इस नंबर का कोई संधान नेट पर नहीं मिला।
प्राप्त रसीद का अवलोकन करने पर रसीद में दुकान का मोबाइल नंबर दर्ज नहीं पाया गया जिससे से जहां से पोस्ता प्राप्त हुआ है इसकी जानकारी मिल सके। यह भी प्राप्ति रसीद पर दुकान का हस्ताक्षर भी अंकित नहीं है। अलबत्ता आजाद कै¨रग प्राइवेट लिमिटेड ट्रांसपोर्ट के नाम से जो कागजात प्राप्त हुआ है उक्त कागजात में यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि उक्त पोस्ता को कहां से दुमका भेजा गया है। अंकित शब्द अपठनीय व अस्पष्ट है लेकिन उसमें यह अंकित है कि इसे दुमका भेजना है और मात्रा भी 20 पैकेट दर्ज है।
इसी क्रम में आजाद कै¨रग प्राइवेट लिमिटेड ट्रांसपोर्ट दुमका में प्राप्ति रसीद की जांच की गयी। जांच के क्रम में यह बात सामने आई कि बु¨कग 28 जनवरी को किया गया और वहां से समान भेजने का दिनांक दो फरवरी है जिसमें किराना गुड्स का नाम दर्ज है।आजाद ट्रांसपोर्ट में सामान प्राप्ति चार फरवरी दर्शाया गया है। इसी के बाद इसी माल को दुमका से बस के द्वारा सैंथिया भेजने के क्रम में इसे पकड़ा गया और नगर थाने को 20 पैकेट पोस्ता हवाले कर दिया गया।
इधर इस पूरे प्रकरण में नगर थाना की भूमिका पर भी अंगुली उठाया जा रहा है। दर्ज प्राथमिकी के आलोक में अब तक दोषी पर कार्रवाई नहीं किया जाना और नगर थाना की ओर से जब्त पोस्ता की निलामी किये जाने पर सवाल उठ रहा है। इधर आजाद ट्रांसपोर्ट कंपनी का एक मुलाजिम नारायण प्रसाद जोशी ने कै¨रग कंपनी के मालिक आशीष टेकरीवाल पर दुर्भावना से ग्रस्त होकर झूठे मुकदमे में फंसाने के मामले में झारखंड के डीजीपी से न्याय की गुहार लगायी है।
नारायण ने डीजीपी के शिकायत कोषांग में प्रेषित आवेदन में कहा है कि एक अगस्त 2016 को उसके मालिक आशीष टेकरीवाल ने झूठे मुकदमे में इसलिए फंसा दिया गया। नारायण के मुताबिक दुमका नगर थाना में दर्ज 10 ¨क्वटल पोस्ता जो दिल्ली से सैंथिया के लिए आया था उस मामले में मालिक आशीष मेरे नाम पर केश लिये जाने के लिए प्रलोभन दे रहे थे लेकिन जब मेरे द्वारा इससे इंकार कर दिया गया तो हेराफेरी और धोखाधड़ी के मामले में मेरे उपर एक मुकदमा दर्ज करा कर मुझे जेल भेज दिया गया। नारायण ने अपने आवेदन में इसका भी जिक्र है कि ट्रांसपोर्ट के माध्यम से दो नंबर का कारोबार किया जाता है। बहरहाल, इस पूरे प्रकरण में पुलिस की खामोशी भी कम आश्चर्यजनक नहीं है।