हमारी धड़कनों में भी अब चीन का राज
दुमका : मशहूर गायिका अलीशा चिनॉय का गीत- मेड इन इंडिया., प्यारा सोनिया.., बस एक दिल चाहिए मुझको म
दुमका : मशहूर गायिका अलीशा चिनॉय का गीत- मेड इन इंडिया., प्यारा सोनिया.., बस एक दिल चाहिए मुझको मेड इन इंडिया. की बरबस याद आ गयी। आज भारत के घर-घर में चीन घुसपैठ कर चुका है। इतना ही नहीं हमारी धड़कनों पर भी चीन का ही राज हो चला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में मेडिकल प्रोडक्ट्स खास कर डायग्नोस्टिक पैथोलॉजी और हिमैटोलॉजी के क्षेत्र में चीन के उत्पादों जोरदार उपयोग रहा है। खास तौर पर छोटे शहर व बाजारों में स्थापित जांच घर एवं अस्पतालों में चीन में निíमत मशीनों का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। रिपोर्ट है कि ऐसे बाजारों में चीनी उत्पादों का तकरीबन 60 फीसद हिस्सेदारी है। हालांकि एक अच्छी बात यह जरूर है कि अब भी बड़े शहर व वहां के क्वालिटी अस्पतालों में चायनीज प्रोडक्ट की खपत अपेक्षाकृत कम है। बड़े शहरों में फिलहाल चीनी प्रोडक्ट की भागीदारी 20 फीसद के आसपास है। बहरहाल, विशेषज्ञों की बातों पर भरोसा करें तो पैथोलॉजी में लगने वाली मशीनों की जांच रिपोर्ट में फासला होने के साथ इनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल है। बेस्ट क्वालिटी के प्रोडक्ट्स व मशीन द्वारा जांच रिपोर्ट की शुद्धता पर गलती नगण्य होने की गुंजाइश रहती है, लेकिन चायनीज व अन्य कम गुणवत्ता वाली जांच मशीनों की रिपोर्ट पर सौ फीसद भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है। यही कारण है कि छोटे शहरों में चल रहे कई पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट को बड़े शहरों के चिकित्सक न सिर्फ एक सिरे से खारिज कर देते हैं बल्कि उसे गलत तक ठहराते हैं।
जांच घरों में प्रयोग होने वाले मशीन सेमी आटो एनालाइजर, हिमैटोलॉजी एनालाइजर, इलेक्ट्रोलेड एनालायजर, आटो एनालायजर, अल्ट्रा साउंड, मास्क, दास्ताना, रेमी मिक्सर, माइक्रोस्कोप समेत जांच के लिए आवश्यक कई महत्वपूर्ण मशीनों को भारत में उपलब्ध कराने वाली कंपनी मेरील, माइंड रे, अगापे, रैपिड डायग्नोस्टिक, आरएफसीएल-एवेंटर, ट्यूलिप चायनीज प्रोडक्ट्स को बढ़ावा दे रही हैं। जानकारी के मुताबिक छोटे बाजारों में इन कंपनियों के प्रोडक्ट के बड़े धाक हैं। इसके पीछे कारण कम दाम है। जबकि अधिक दाम होने की वजह से उच्च गुणवत्ता वाली मशीनों को उपलब्ध कराने वाली कंपनी ट्रांसिया, रोचे, बेकमैन काउल्टर एवं बायोरेड के प्रोडक्ट्स की खपत छोटे बाजार में काफी कम है।
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पैथोलॉजी केंद्र करते उच्च गुणवत्ता वाली मशीनों का प्रयोग
अधिकांश नामचीन जांच पैथोलॉजी उच्च गुणवत्ता वाले मशीनों का ही प्रयोग करते हैं। एसआरएल समेत कई कंपनियां अपने पैथोलॉजी में सीमेंस समेत बेहतर व भरोसेमंद कंपनियों के मशीनों का प्रयोग कर मरीजों के भरोसे पर कायम है। हालांकि झारखंड सरकार के द्वारा सदर अस्पतालों में एसआरएल कंपनी के जांच घरों में मेरील कंपनी के मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। मेरील कंपनी चायनीज प्रोडक्ट को भारत में बढ़ावा दे रही है। बता दें कि झारखंड के 12 जिले धनबाद, गिरीडीह, बोकारो, जामताड़ा, दुमका, देवघर, पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, रामगढ़ एवं अन्य दो जिलों में एसआरएल कंपनी के द्वारा ही सदर अस्पताल में पैथोलाजी का संचालन किया जा रहा है। जबकि शेष 12 जिले में एक दूसरी जांच कंपनी मेडल को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
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कोट-
चायनीज मशीन कम टिकाऊ व कम गुणवत्ता वाली होती है। इन मशीनों के जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता है। प्राय: ऐसा देखा गया है कि चायनीज मशीनों की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठते हैं। इसलिए जरूरी है कि चायनीज प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाली लैब सावधानी बरतें और अपनी साख को बनाए रखने के लिए अव्वल कंपनी के ही प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
अणर्व पान, सीनियर सेल्स एक्सक्यूटिव, ट्रांजिया
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वर्जन
स्तरीय व विश्वसनीय जांच के लिए भरोसेमंद लैब व मशीन के द्वारा ही मरीजों की जांच होनी चाहिए।अलग गलत जांच रिपोर्ट है तो इलाज भी गलत हो सकता है। इसकी वजह से मरीज को काफी नुकसान संभव है और यह मरीजों के लिए खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए यह जरुरी है कि जांच घरों में प्रयोग किए जाने कम गुणवत्ता वाले चायनीज जांच मशीन पर बैन लगाया जाए।
टी.मोदक, प्रबंधक, ट्रांजिया कंपनी
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वर्जन
प्रतिदिन औसतन 50-60 मरीज अपनी जांच कराने पहुंचते हैं। निश्चित तौर जांच मशीनों की वजह से जांच रिपोर्ट में फर्क आता है, लेकिन यह काफी मामूली होता है। जांच रिपोर्ट में ज्यादा फर्क न आए इसके लिए क्वालिटी कंट्रोल के मानकों का पूरा ध्यान रखा जाता है। दुमका सदर अस्पताल में मेरील आटो 100, होरिबा एबीएक्स 60, इजी लाइट, रेमी मिक्सर, रेमी रोलर जैसी मशीन उपलब्ध है जबकि हार्मोन टेस्ट के लिए नमूना धनबाद भेजा जाता है।
डॉ.आलोक कुमार दुबे, एसआरएल जांच घर, सदर अस्पताल दुमका