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सुरक्षित यातायात को नियमों का पालन जरूरी

दुमका : सड़क निर्माण विभाग व स्टेट हाइवे अथारिटी ऑफ झारखंड की ओर से सोमवार को इंडोर स्टेडियम में सड़क

By Edited By: Published: Tue, 18 Oct 2016 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 18 Oct 2016 01:00 AM (IST)
सुरक्षित यातायात को नियमों का पालन जरूरी

दुमका : सड़क निर्माण विभाग व स्टेट हाइवे अथारिटी ऑफ झारखंड की ओर से सोमवार को इंडोर स्टेडियम में सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला का आयोजन कर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने पर प्रकाश डाला गया।

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कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि देश में हर साल 1.25 करोड़ लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं। अस्पताल में 54 फीसद मौत हादसों से ही होती है। आज से करीब 40 साल पहले ऐसा नहीं था। खराब सड़कों की वजह से वाहनों की गति अपने आप कम हो जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। जितनी तेजी से सुंदर सड़कों का निर्माण हुआ है उतनी तेजी से हादसों में इजाफा हुआ है। इसकी मूल वजह है लोगों का जागरूक नहीं होना। सब कुछ जानते हुए भी लोग सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं। कहा कि अभिभावक भी अपने बच्चों को महंगी गाड़ी थमा देते हैं। वे ये नहीं सोचते हैं कि इसका परिणाम क्या होगा। एसडीओ जिशान कमर ने कहा कि हमारी लापरवाही के कारण हादसे होते हैं। हादसे के बाद लोग घायल की मदद के लिए आगे नहीं आते हैं। अब तक हर कोई यह जानता है कि मदद करने वालों से किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी, इसके बाद भी लोग मदद के लिए आगे नहीं आते हैं और हादसे का शिकार व्यक्ति इलाज के अभाव में दम तोड़ देता है। डीएसपी अशोक कुमार ¨सह ने कहा कि हादसे के बाद सबसे परेशानी पुलिस को उठानी पड़ती है। जाम करने वाले घायल को ही बीच रोड पर रख देते हैं। पुलिस किसी तरह उन्हें मनाकर घायल का इलाज कराती है। इंजीनियरों को चाहिए कि जिस जगह पर सड़क खराब है वहां साइन बोर्ड लगा दें ताकि लोग बच सके। ऐसा होने से हादसों में कमी जरूर आएगी। हेलमेट से बहुत सुरक्षा होती है लेकिन शहर से निकलने के बाद लोग इसे उतारकर गाड़ी में रख लेते हैं। इंजीनियर इन चीफ रास बिहारी ¨सह ने कहा कि अब हर डीपीआर तैयार करने से पहले उसमें सड़क सुरक्षा का प्रावधान किया जाएगा। यदि डीपीआर में यह छूट जाता है तो निर्माण कराने वाले इंजीनियर इसका प्रावधान कराएंगे। नेशनल हाईवे में सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है और रखा जाएगा भी। तीन साल के अंदर अगर एक ही जगह पर पांच हादसे होते हैं तो वह स्थान ब्लाक स्पाट कहलाता है। अगर कहीं ऐसा होता है तो इसकी जानकारी विभाग को अवश्य दें।

डीईओ धर्मदेव राय ने कहा कि शिक्षा विभाग में जागरूकता पर जोर दिया जा रहा है। प्रयास है कि हाईस्कूल की नई किताबों में इसका अध्याय दिया जाएगा, इसके लिए सरकार से बात की जाएगी। डीपीआरओ अजय नाथ झा ने हादसों की वजह और उसकी रोकथाम के लिए विभागों का ध्यान खींचा। कहा कि आम जनता के साथ विभागों का भी दायित्व बनता है कि सड़क निर्माण से पहले उन लोगों को नियमों के बारे में बताया जाए जहां से रोड गुजरनी है। बताने का कुछ तो असर पड़ेगा। हेलमेट के बिना गाड़ी नहीं चलाएं। अधीक्षक अभियंता मदन कुमार ने विभागीय सचिव मस्त राम मीणा का संदेश पढ़कर सुनाया और लोगों से सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन नरमदेश्वर कुमार व अजय नाथ झा ने किया। मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी दीपू कुमार, इंजीनियर रमेश श्रीवास्तव, उमाशंकर के अलावा विभागीय ठेकेदार व इंजीनियर मौजूद थे।


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