दुमका को मिले पूर्ण उपराजधानी का दर्जा
दुमका : सदान एकता परिषद की ओर से आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में दुमका को पूर्ण उपराजधानी का दर्जा दिए जा
दुमका : सदान एकता परिषद की ओर से आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में दुमका को पूर्ण उपराजधानी का दर्जा दिए जाने की मांग की गई। रविवार को जनपुस्तकालय में केंद्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर अब तक के सरकारों की कार्यशैली व मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्ष 2000 में दुमका को उपराजधानी का दर्जा दिए जाने के बाद भी आज तक यहां उपराजधानी का आधारभूत संरचना बहाल नहीं किया जा सका है। वक्ताओं ने कहा कि महज 26 जनवरी व 15 अगस्त को ध्वजारोहण करने से दुमका उपराजधानी नहीं हो सकता है। यहां प्रस्तावित हाईकोर्ट बेंच, मिनी सचिवालय, संताल परगना विकास प्राधिकारी, क्षेत्रीय विकास आयुक्त की पदास्थापना जैसे मसले अब भी अछूते हैं। वक्ताओं ने कहा कि संताल परगना को अखंड बिहार से लेकर आज तक एक उपनिवेश के तौर पर बना कर रखा गया है। कहा कि अगर मुख्यमंत्री रघुवर दास सचमुच संताल परगना का विकास चाहते हैं तो सबसे पहले वे दुमका को पूर्ण उपराजधानी बनाएं। कहा कि संताल परगना के तीनों मंत्री डॉ. लुइस मरांडी, राज पालीवार व रणधीर ¨सह के समक्ष भी यह एक चुनौती है। वर्तमान सरकार अगर इन मुद्दों को गंभीरता से नहीं लेती है तो वह दिन दूर नहीं जब यहां के लोग भी संताल परगना अलग राज्य की आवाज बुलंद करेंगे। बैठक में यह प्रस्ताव लिया गया कि सदान एकता परिषद की ओर से शीघ्र ही इस प्रकरण पर एक मांगपत्र सरकार को सौंपा जाएगा। इसके अलावा परिषद की ओर से दुमका में एक सेमिनार का आयोजित कर बुद्धिजीवियों की राय लेकर इस मसले पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
मौके पर विजय सोनी, विपिन बिहारी प्रसाद, लक्ष्मीकांत झा लोकेश, गोपाल पंजियारा, रामानंद मिश्र, प्रफुल्ल द्विवेदी, सीएन मिश्र, अनिरुद्ध चौबे, मनोज राय, प्रो.चंद्रशेखर पाठक, सत्यानारायण साह, संतोष कुमार भदोरिया, जयशंकर साह, सपन सिन्हा, जयंत दत्ता, अजय केशरी, कांता दास, विश्वनाथ साह, सुरेंद्र यादव, कामेश्वर मंडल, राजेश कुमार, जय कुमार साह समेत कई मौजूद थे।