जामा में मिला अस्पताल से भागा बालक
दुमका : तीन दिन पूर्व सदर अस्पताल से भागे मूक-बधिर बालक को शुक्रवार रात बरामद कर लिया गया। नगर थाना
दुमका : तीन दिन पूर्व सदर अस्पताल से भागे मूक-बधिर बालक को शुक्रवार रात बरामद कर लिया गया। नगर थाना की पुलिस ने उसे फिर से सदर अस्पताल में भर्ती कराया। पहले जरमुंडी पुलिस ने भर्ती कराया था। 10 दिन से ज्यादा बीतने के बाद भी परिजनों का पता नहीं चल सका है। बालक फिर से न भाग जाए, इसलिए उसे अस्पताल के सबसे नीचे वाले वार्ड में पहले से भर्ती जीतू मल्लाह के साथ रखने के बाद बाहर से सिटकनी लगा दी गई है।
दरअसल दस दिन पहले जरमुंडी पुलिस ने लावारिस बच्चे को सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। सात दिन तक चले इलाज के बाद उसकी स्थिति तो सुधर गई लेकिन वह अपने घर के बारे में जानकारी नहीं दे सका। तीन दिन पहले वह सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर निकल गया। काफी तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चल सका।
शुक्रवार शाम पुलिस को पता चला कि एक बालक जामा में घूम रहा है। स्थानीय के सहयोग से नगर थाना की पुलिस ने उसे कब्जे में लेकर अस्पताल भेज दिया।
क्या होगा बच्चे का
सात दिन तक चले इलाज के बाद बच्चा काफी हद तक ठीक हो गया। बेहतर इलाज के लिए उसे रांची भेजा गया, लेकिन रिम्स के चिकित्सकों ने यह कहते हुए भर्ती करने से साफ मना कर दिया कि उसके साथ कोई देखभाल करने वाले का होना जरूरी है। काफी प्रयास के बाद भी चिकित्सकों ने उसे दुमका वापस भेज दिया। सवाल यह उठता है कि जब बच्चा मूक-बधिर होने के साथ मानसिक रूप से भी बीमार है तो उसे रिम्स की बजाय रिनपास क्यों नहीं भेजा गया। क्या उसका भी हाल छह से माह से भर्ती जीतू की तरह नहीं हो जाएगा। जीतू भी घरवालों का पता नहीं बता सकने की स्थिति में सदर अस्पताल के एक कोने में पड़ा हुआ है। देखभाल के नाम पर महज खानापूíत की जाती है।