मजदूरों को रोजगार पाने का हक
रामगढ़ : आयो-आयदरी संस्था ने जोहार परियोजना के तहत सोमवार को प्रखंड के विकास भवन में मनरेगा विषय पर
रामगढ़ : आयो-आयदरी संस्था ने जोहार परियोजना के तहत सोमवार को प्रखंड के विकास भवन में मनरेगा विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। इसका उद्घाटन अंचलाधिकारी सुनील कुमार ने किया।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीओ ने कहा कि मनरेगा कानून एक ऐसा कानून है जिसमें इसके तहत निबंधित मजदूरों को सौ दिन तक रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी मजदूर यदि रोजगार की मांग करता है तो उसे 15 दिनों के अंदर उनके घर से पांच किलो मीटर के दायरे में रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा। मनरेगा में बिचौलिया प्रथा को रोकने के लिए इसमें काम करने वाले मजदूर को नगद मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाता है। बल्कि उनके खाता में भुगतान कर दिया जाता है। मजदूर अपने खाता से पैसा की निकासी करते हैं। पलायन रोकने के लिए मनरेगा बहुत ही कारगर साबित हुई है।
कार्यशाला में झारखंड मनरेगा वॉच रांची के सदस्य जेम्स हेरेंज ने मनरेगा में जॉब कार्ड प्राप्त करने की विधि, रोजगार मांग करने का नियम, भुगतान की वृद्धि समेत अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी। हेरेंज ने कहा कि काम की मांग करने के बाद यदि निर्धारित समय तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो इसमें बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का प्रावधान है।
कार्यशाला में उपप्रमुख सुरु जमुनी हांसदा ने बतायी कि मनरेगा के तहत कई प्रकार के कार्य कराये जाते हैं। इसके तहत लाभुक अपनी जमीन पर सिंचाई तालाब, कूप समेत मुर्गी शेड, गाय शेड समेत अन्य कार्य भी करा सकता है। जानकारी के अभाव में आज मनरेगा में बिचौलिया हावी है। संस्था के सचिव मुन्नी हेम्ब्रम, जोहार परियोजना के समन्वयक जयप्रकाश शर्मा, संजीव कृष्ण सिंह, रसीक हेम्ब्रम, अविनाश राय, गोडवेल टुडू समेत अन्य लोग उपस्थित थे।