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वर्तमान में भी दिनकर की कविताएं प्रासंगिक

निरसा : निरसा स्थित केएसजीएम कॉलेज में शनिवार को ¨हदी विभाग द्वारा दिनकर के काव्य में राष्ट्रीय भावन

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jul 2017 10:03 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jul 2017 10:03 PM (IST)
वर्तमान में भी दिनकर की कविताएं प्रासंगिक

निरसा : निरसा स्थित केएसजीएम कॉलेज में शनिवार को ¨हदी विभाग द्वारा दिनकर के काव्य में राष्ट्रीय भावना पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में बीएसके कॉलेज के विभागाध्यक्ष अवधेश कुमार मेहता मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान ¨हदी विभाग के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रकवि रामधारी ¨सह दिनकर के काव्य में राष्ट्रीय भावना पर अपने विचार रखे तथा बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दिनकर जी की कविताएं प्रासंगिक हैं।

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संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता मेहता ने कहा कि राष्ट्रकवि दिनकर ने अपनी रचनाओं में राष्ट्र के तात्कालिक घटनाओं, यातनाओं विषमताओं व सांस्कृतिक परंपराओं व उनके प्राचीन मूल्यों का नए परिप्रेक्ष्य में आकलन कर उसमें जीवंतता प्रदान की है। साथ ही उन्होंने वर्तमान समय के समस्याओं लोगों के आकांक्षाओं को अपनी रचनाओं में स्थान दिया है। उनकी रचनाओं में हुंकार, परशुराम की प्रतीक्षा, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी जैसी रचनाओं में राष्ट्रीयता खुलकर सामने आई है। संगोष्ठी को केएसजीएम कॉलेज के ¨हदी विभागाध्यक्ष डॉ शंभू प्रसाद शर्मा, प्रो संजय ¨सह, प्रो आर कुमार आदि ने भी अपने विचार प्रकट की। संगोष्ठी को विद्यार्थी अंजू ¨सह, नूरी खातून, रुबीना प्रवीण, अभिमन्यु यादव, सुमन कुमारी, बीणा कुमारी प्रसाद, सोनी ठाकुर, दीनबंधु लोहार, रानी कुमारी, प्रतिमा कुमारी ने भी संबोधित की। संगोष्ठी कि अध्यक्षता प्राचार्य प्रो केबी भट्ट व संचालन प्रो आरपी शुक्ला ने की।


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