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आठ गंभीर आरोपों से घिरे संयुक्त आयुक्त नागपुर वापस

धनबाद : आठ गंभीर आरोपों से घिरे कोयला खान भविष्य निधि संगठन के संयुक्त आयुक्त यूपी कमल को वापस नागपु

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Jun 2017 01:03 AM (IST)Updated: Thu, 29 Jun 2017 01:03 AM (IST)
आठ गंभीर आरोपों से घिरे संयुक्त आयुक्त नागपुर वापस
आठ गंभीर आरोपों से घिरे संयुक्त आयुक्त नागपुर वापस

धनबाद : आठ गंभीर आरोपों से घिरे कोयला खान भविष्य निधि संगठन के संयुक्त आयुक्त यूपी कमल को वापस नागपुर भेजते हुए तुरंत योगदान देने का आदेश जारी किया गया है। उनका कार्यभार रीजनल आयुक्त एचडी पाठक को दिया गया है। तबादले की सूचना मिलते ही कमल के विरोधियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।

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भारतीय मजदूर संघ ने 26 मई को कमल पर लगे आरोपों को लेकर महामंत्री ब्रजेश उपाध्याय को कागज सौंपते हुए कार्रवाई की मांग रखी थी। उपाध्याय ने तत्काल मंत्रालय से बात की। सौंपे गए कागजात पर संज्ञान लेते हुए मंत्रालय ने सीएमपीएफ आयुक्त से भी पूरी जानकारी ली।

यूनियन नेताओं ने भी कोल सचिव के सामने मामले को उठाया था। उन्हें बताया गया था कि कमल पर लगे आरोपों की जांच विजिलेंस विभाग व सीबीआइ कर रहे हैं।

ये हैं आरोप

संयुक्त आयुक्त यूपी कमल पर आरोप है कि उनकी गलती से संस्थान को निवेश में काफी नुकसान हुआ। 2014-15 में ईपीएफओ ने अपना फंड 8.8 फीसद की दर से निवेश किया था जबकि सीएमपीएफओ ने 84 हजार करोड़ रुपये की अपनी राशि मात्र 8.5 फीसद की दर से निवेश किया जिससे इसे 254 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

कंप्यूटर की खरीदारी में गड़बड़ी : लेनेवो कंपनी के 500 कम्प्यूटर की खरीद में नियमों का उल्लंघन किया गया। उन्हें टेंडर के जरिए कम्प्यूटर की खरीद करनी चाहिए थी।

ट्रॉली बैग की खरीदारी में गड़बड़ी : आरोप है कि 2015-16 में 34 लाख 30 हजार रुपये की लागत से ट्रॉली बैग खरीदी गई। इसमें नियम विरुद्ध काम किया गया।

जीर्णोद्धार कार्य में अनियमितता : सीएमपीएफ मुख्यालय में कार्यालय कक्षों व कॉरीडोर का जीर्णोद्धार कार्य गलत ढंग से कराकर फर्जी कंपनी को 20 लाख रुपये का भुगतान कराया गया।

74 लाख का गलत भुगतान : सैप कंपनी को गलत तरीके से 74 लाख 13 हजार रुपये का भुगतान किया। इस कंपनी ने 31 दिसंबर 2008 को सीएमपीएफ में काम करना बंद कर दिया था।

बहाली में अनियमितता : सीएमपीएफ बहाली प्रक्रिया के दौरान प्रभारी संयुक्त आयुक्त ही थे। जनवरी 2015 में 160 एलडीसी व इंस्पेक्टर की बहाली प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप है।


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