सुकून तब मिलेगा जब रामधीर को फांसी होगी : दूनबहादुर
फोटो-27 से 29.. दो फोटो और आनी है... जागरण संवददाता, कतरास: रामधीर सिंह के जेल जाने पर खुशी हुई
फोटो-27 से 29.. दो फोटो और आनी है...
जागरण संवददाता, कतरास:
रामधीर सिंह के जेल जाने पर खुशी हुई.. लेकिन मेरे दिल को सुकून तब मिलेगा जब मेरे भाई विनोद सिंह के हत्यारे को फांसी की सजा मिलेगी।
ये शब्द हैं, दिवंगत विनोद सिंह के बड़े भाई दूनबहादुर ¨सह के। वे सिजुआ स्थित अपने आवास पर सोमवार को रामधीर सिंह के सरेंडर व जेल भेजे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रामधीर को फांसी की सजा दिलाने के लिए वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
प्रशासन से मांगी सुरक्षा.
उन्होंने जिला प्रशासन से अपने पूरे परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। कतरास शहर में भगत ¨सह चौक के समीप सरेआम एंबेसडर कार पर एके 47 से अंधाधुंध हुई फाय¨रग से विनोद ¨सह व चालक मन्नू अंसारी की मौत हो गई थी
मेरी आंखों के सामने ही भाई ने दम तोड़ दिया..
19 साल पहले हुई घटना का जिक्र करते हुए बोले.. नेताजी (बड़े भाई सकलदेव ¨सह) को भी हत्यारों ने ही मौत की नींद सुलाया। नेताजी ही विनोद की हत्या के मामले को देख रहे थे। 15 जुलाई 1998 की सुबह विनोद और मैं घर से चाय पीकर अलग-अलग गाड़ियों मे निकले। विनोद की एंबेसडर कार आगे-आगे चल रही थी। अभी कतरास बाजार चौक पर ही पहुंचे थे, कि अचानक सामने से गोलियों की तडतड़ाहट की आवाज सुनाई पड़ी। देखा कि विनोद की कार पर ताबड़तोड़ गालियां बरसाई जा रहीं हैं। पलक झपकते ही सारा खेल खत्म हो गया। हमलावरों की संख्या चार थी। वे मारुती कार पर सवार होकर भाग निकले। वे कार के पास गए तो देखा कि विनोद व ड्राइवर मन्नू आखिरी सांसे गिन रहे थे। इसके बाद वे तिलाटांड़ डॉ. उमाशंकर ¨सह के पास गए और उन्हें लेकर मौके पर पहुंचे। डॉक्टर दोनों को मृत करार दिया। एंबेसडर कार पर 40 से ज्यादा गोलियां दागी गई थीं। मौके से 30 से ज्यादा खोखा बटोर कर हमने पुलिस को दिया।