आइएसएम से आइआइटी को कैबिनेट की मंजूरी
धनबाद : केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को इंडियन स्कूल ऑफ माइंस समेत देश में सात नए आइआइटी पर
धनबाद : केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को इंडियन स्कूल ऑफ माइंस समेत देश में सात नए आइआइटी पर मुहर लगा दी गयी। बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे थे। इनमें आइएसएम को आइआइटी में बदलना और छह नए आइआइटी का सृजन है। नए सत्र से प्रवेश प्रक्रिया आइआइटी-आइएसएम में होगी। आइएसएम देश का 17वां आइआइटी होगा। यह सूचना पहुंचते ही आइएसएम के छात्रों व शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। जमकर रंग-गुलाल उड़े।
ये होंगे सात नए आइआइटी : कैबिनेट ने आइएसएम के अलावा जिन छह नए आइआइटी की स्वीकृति दी है वे तिरूपति (आंध्रप्रदेश), पलक्कड़ (केरल), धारवाड़(कर्नाटक), भिलाई (छत्तीसगढ़), गोवा व जम्मू-कश्मीर में होंगे।
लंबी लड़ाई को मिला मुकाम : आइआइटी का टैग दिलाने के लिए आइएसएम के छात्रों ने छह साल लंबी लड़ाई लड़ी। प्रदर्शन, रोड मार्च से लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना तक दिया। 15 अप्रैल 2014 को धनबाद के करकेंद में चुनावी भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि आइएसएम को आइआइटी का दर्जा दिया जाएगा। 28 फरवरी 2015 को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में आइएसएम को आइआइटी का दर्जा देने की घोषणा की थी। वहीं आठ-नौ मार्च को आइएसएम के 37वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने आइएसएम को आइआइटी बनाने की बात कही थी। उन्होंने इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार होने की जानकारी दी थी।
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अब आगे क्या होगा
केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आइएसएम को आइआइटी में तब्दील करने की स्वीकृति देने के बाद आइआइटी एक्ट 1961 में संशोधन किया जाएगा। छह नए आइआइटी को भी इस अधिनियम में जोड़ा जाएगा। मानव संसाधन मंत्रालय सभी आइआइटी का विधेयक अगले सत्र में पेश करेगा। इसके बाद आइएसएम कानूनी रूप से आइआइटी में तब्दील होगा।
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वर्जन
कैबिनेट के फैसले का बेसब्री से इंतजार था। आइएसएम को आइआइटी का दर्जा मिलना धनबाद ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण राज्य के लिए गर्व की बात है। इसके तहत सरकार आगे की कार्रवाई भी जल्द से जल्द करे। आइएसएम को आइआइटी का दर्जा देकर सरकार ने आइएसएम को जो जिम्मेदारी दी है, उसपर खरा उतरना प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
कर्नल एमके सिंह, कुलसचिव आइएसएम
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आइआइटी की तर्ज पर फीस
आइआइटी की तर्ज पर आइएसएम में सत्र 2016-17 से बीटेक कोर्स की फीस बढ़ जाएगी। नए सत्र में नामांकन लेनेवाले छात्रों को हर वर्ष दो लाख रुपया चुकाना होगा। एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने फीस बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। सामान्य छात्रों के लिए फीस प्रतिवर्ष दो लाख रुपया है। जिन परिवारों की आय एक लाख से पांच लाख रुपये तक है उन छात्रों की फीस दो तिहाई माफ हो जाएगी। बचे हुए पैसे के लिए लोन का विकल्प मिलेगा। एससी-एसटी व दिव्यांग छात्रों, गरीबी रेखा से नीचे के लोग तथा एक लाख रुपया सालाना आयवाले परिवारों के बच्चों की फीस पूरी तरह माफ रहेगी। फिलहाल आइएसएम बीटेक के लिए सामान्य छात्र को एक सेमेस्टर के लिए 67,900 व एससी-एसटी छात्र को 27,900 रुपया देना पड़ता है।
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वर्तमान में आइएसएम
आइएसएम की स्थापना 9 दिसंबर 1926 को हुई थी। यहां 7500 छात्र व 350 प्राध्यापक हैं। 18 विषय में बीटेक व एमटेक की पढ़ाई होती है। आइएसएम के पास 220 एकड़ जमीन है। इसके विस्तार के लिए राज्य सरकार की ओर से 175 एकड़ जमीन स्वीकृत की जा चुकी है। बीस करोड़ रुपया भी उपलब्ध कराया गया है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। राज्य सरकार आइएसएम को दस एकड़ जमीन भी उपलब्ध करा चुकी है। अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण के लिए सरकारी प्रक्रिया जारी है।