शिक्षकों की भरपाई करेगा स्मार्ट क्लासरूम
जागरण संवाददाता, धनबाद : स्कूल के साथ-साथ यहां अध्ययनरत छात्रों को तकनीकी रूप से दक्ष करने व गुणवत्त
जागरण संवाददाता, धनबाद : स्कूल के साथ-साथ यहां अध्ययनरत छात्रों को तकनीकी रूप से दक्ष करने व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की नीयत से हाई स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम की शुरआत की जा रही है। इसको लेकर बुधवार को साक्षरता भवन के सभागार में डीईओ धर्मदेव राय की अध्यक्षता में सेमिनार का आयोजन किया गया। डीईओ द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला की शुरुआत की। इसमें जिले के इच्छुक सरकारी उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक सिम्फर केके शर्मा, डीपीएस के पवन तिवारी, डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर के बैद्यनाथ, ई-कवच के कुंदन व उज्जवल विशेष रूप से उपस्थित हुए।
डीईओ ने बताया कि वर्ष 2015-16 में मैट्रिक का परीक्षाफल संतोषप्रद नहीं रहा। इसका मुख्य कारण शिक्षकों की कमी का होना है। जल्द ही प्राथमिक, मध्य विद्यालयों के जो भी शिक्षक उच्च योग्यताधारी हैं, उनकी प्रतिनियुक्ति उच्च विद्यालयों में की जाएगी। शुरुआत चरण में 20-25 उच्च विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की जाएगी। समन्वयक पवन तिवारी ने स्मार्ट क्लास के जरिए अध्यापन के महत्व पर प्रकाश डाला। विद्यालय में स्मार्ट क्लास चलाने हेतु विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षित करना होगा। प्रोजेक्टर के माध्यम से कैसे छात्र-छात्राओं को शिक्षा दी जाए, इस संबंध में एक से दो दिनों का प्रशिक्षण आवश्यक है। ई-कवच के कुंदन ने बताया कि शिक्षकों की कमी को देखते हुए किसी भी एक (होस्ट) विद्यालय में प्रोजेक्टर सेटअप किया जाएगा एवं उसके माध्यम से अन्य विद्यालयों में प्रोजेक्टर के माध्यम से लाइव ब्रॉडकॉस्ट किया जाएगा। इसके लिए एक व्हाईट बोर्ड होगा जो कि प्रोजेक्टर, कम्प्यूटर से जुड़ा होगा। (जिसमें आप कुछ भी लिखेंगे) तो वह होस्ट विद्यालय एवं उससे जुड़े अन्य विद्यालयों में लाइव दिखेगा। इसके लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के साथ-साथ थ्रीजी इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होगी। इसके अलावा डेस्कटॉप, लैपटॉप, स्पीकर, माइक भी चाहिए।
----------------
अन्य जानकारियां
- प्रोजेक्टर का उपयोग रांची, खूंटी, गोड्डा के अतिरिक्त छह जिलों के कस्तूरबा गाधी बालिका विद्यालयों में किया जा रहा है।
- इस प्रोजेक्टर में झारखंड अधिविद्य परिषद से संबधित सभी पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे।
- उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, विद्यालय प्रधान को निर्देश दिया गया कि अपने संबंधित विधायक, सासद से स्मार्ट क्लास चालू करने में आर्थिक सहायता करने का अनुरोध किया जाए।