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सत्यनारायण मंदिर में मना औदिच्य दिवस

जासं, झरिया : स्टेशन रोड स्थित सत्यनारायण मंदिर में बुधवार को ब्राह्मण समाज ने औदिच्य दिवस सह दीपावल

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 08:21 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 08:21 PM (IST)
सत्यनारायण मंदिर में मना औदिच्य दिवस

जासं, झरिया : स्टेशन रोड स्थित सत्यनारायण मंदिर में बुधवार को ब्राह्मण समाज ने औदिच्य दिवस सह दीपावली मिलन समारोह धूमधाम से मनाया। यजमान दिनेश ठक्कर सपरिवार पूजा में बैठे। गौतम महाराज ने पूजा करायी। सत्यनारायण कथा सुनाई। भक्त हरीश जोशी ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा का आयोजन होता है। इस दिवस की महत्ता बताई।

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औदिच्य ब्राह्मणों के बारे में बताया कि एक समय उज्जैन से कुछ ब्राहमण काशी-बनारस वेद अध्ययन करने गए थे। अध्ययन कर जब वे सोमनाथ यात्रा पर निकले तो सिद्धपुर नगर में वहां के राजा मूलराज सोलंकी के अश्वों को चरवाहा को चराते देखा। एक चरवाहे ने घोड़ी को डंडे से मारा तो ब्राहमणों ने चरवाहा को पीट दिया। राजा के पास शिकायत जाने पर ब्राहमणों को राजा ने बुलाया। चरवाहा को मारने का कारण पूछा। ब्राह्मणों ने कहा कि चरवाहे की पिटाई से घोड़ी के गर्भ में पल रहे बच्चे की एक आंख फूट गयी है। राजा ने इसका प्रमाण जानना चाहा तो ब्राह्मणों ने कहा कि इसका जवाब सोमनाथ से लौटते समय देंगे। जब ब्राह्मण सोमनाथ दर्शन से लौटकर सिद्धपुर पहुंचे तो राजा ने कहा कि उनकी बात सही थी। राजा ने सभी ब्राह्मणों को दान देकर ताम्रपत्र में लिखकर वहीं रहने को कहा। एक मंदिर भी बनवाया। गुजरात के कई ब्राहमण यहां भी रह रहे है। उज्जैन से आये ब्राह्मण औदिच्य कहलाए। तरुण शुक्ला, जिग्नेश जोशी, किशोर दबे, जयेश जोशी, किशोर भट्ट, होमेश जोशी, मुकेश मेहता, जश्मिना जोशी, रंजना शुक्ला, शारदा जोशी, पूनम दबे, रविशंकर रावल, योगेश जोशी, भारती त्रिवेदी आदि थे।


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