25 हजार करोड़ का होगा झरिया मास्टर प्लान
जागरण संवाददाता, धनबाद : विश्व की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना झरिया मास्टर प्लान की लागत बढ़कर 25 हजार क
जागरण संवाददाता, धनबाद : विश्व की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना झरिया मास्टर प्लान की लागत बढ़कर 25 हजार करोड़ हो जाएगी। ऐसा मास्टर प्लान में प्रभावित परिवारों की संख्या धरातल पर 54 हजार से बढ़कर एक लाख से ज्यादा होने, नई भूमि अधिग्रहण कानून के कारण जमीन का मुआवजा बाजार दर से 4 गुना ज्यादा और आपात परिस्थिति में भू-अर्जन होने पर 7 गुना ज्यादा होने से हुआ है। उत्तरी छोटानागपुर हजारीबाग की आयुक्त सह जेआरडीए की चेयरमैन वीणा श्रीवास्तव ने कहा है कि मास्टर प्लान की नये सिरे से लागत राशि का निर्धारण हाई पावर कमेटी करेगी। कोयला मंत्रालय भारत सरकार ने झरिया मास्टर प्लान को 12 अगस्त 2009 को स्वीकृति दी थी। तब झरिया मास्टर प्लान की लागत 7112. 11 करोड़ थी।
श्रीवास्तव ने सोमवार को यहां मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि झरिया मास्टर प्लान से दो गुणी होगी आग एवं भू-धंसान प्रभावित परिवारों की संख्या। उन्होंने कहा, मास्टर प्लान के अनुसार प्रभावित निजी और अतिक्रमणकारी परिवार की संख्या 54,159 है। अग्नि प्रभावित 595 साइट में 569 के सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के बाद परिवारों की संख्या 84,497 हो गई है। शेष 26 साइट का सर्वे पूरा होने के बाद प्रभावित परिवारों की संख्या 1 लाख से ऊपर चली जाएगी। जेआरडीए कार्यालय में झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार प्रबंध पर्षद की बैठक के बाद श्रीवास्तव मीडिया से बातचीत कर रही थीं। जेआरडीए चेयरमैन के रूप में श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सोमवार को पहली बार प्रबंध पर्षद की बैठक हुई। इसमें झरिया पुनर्वास को तेज करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है। बैठक के बाद चेयरमैन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 31 दिसंबर तक प्रभावितों के सर्वे का काम पूरा करने के लिए विज मंत्रा और बीसीसीएल को निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि झरिया मास्टर प्लान की स्वीकृति तिथि 12 अगस्त 2009 के बाद अग्नि प्रभावित क्षेत्र में कोई बसा है तो वह प्रभावित नहीं माना जाएगा। इसके बाद आने वाले व्यक्ति को खुद साबित करना होगा कि वह पहले से प्रभावित क्षेत्र में रह रहा है। उन्होंने कहा कि एक लाख परिवारों का पुनर्वास करना बड़ी चुनौती है। प्रभावित परिवारों का बेहतर ढंग से पुनर्वास को जेआरडीए प्रतिबद्ध है। बैठक में जेआरडीए के तीन लोगों के एक साल के लिए सेवा विस्तार को स्वीकृति दी गई। बेलगड़िया में बन रही विस्थापित कालोनी में पानी, बिजली, सड़क आदि के विकास के लिए 6.72 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। कंसलटेंट एजेंसी राइट्स का और डेढ़ साल तक सेवा लेने के निर्णय पर मुहर लगाई गई। झरिया पुनर्वास के लिए भू-अर्जन की श्रेणी पर विचार-विमर्श किया गया। यह हाई पावर कमेटी पर छोड़ दिया गया कि भू-अर्जन आपात श्रेणी के तहत होगी या सामान्य। उपायुक्त सह जेआरडीए के प्रबंध निदेशक कृपानंद झा ने कहा कि बेलगड़िया में पुनर्वासित परिवारों को स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए बीसीसीएल से बातचीत चल रही है। स्कूल और अस्पातल का निर्माण किया गया है। शीघ्र ही चालू किया जाएगा। कॉलेज को लेकर भी विचार-विमर्श चल रहा है। आरएसपी कॉलेज झरिया को शिफ्ट करने के सवाल पर कहा कि आग नियंत्रण में है। लेकिन, स्थानांतरण ही अंतिम विकल्प है। स्थल चयन के लिए कमेटी बनाई गई है। कमेटी निर्णय लेगी। बैठक में बीसीसीएल के डीटी डीसी झा, उप विकास आयुक्त अशोक कुमार सिंह, एसी मनोज कुमार, जेआरडीए के आर एंड आर प्रभारी गोपालजी, मुख्य अभियंता सुनील दलेला, भू-अर्जन पदाधिकारी युगल किशोर आदि उपस्थित थे।
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कमला कंस्ट्रक्शन को दो टाउनशिप निर्माण का ठेका
झरिया मास्टर प्लान के तहत दो-दो टाउनशिप निर्माण का ठेका बोकारो की कमला कंस्ट्रक्शन को मिला है। एक टाउनशिप का निर्माण बेलगड़िया और दूसरे का लिपनिया में किया जाएगा। प्रत्येक टाउनशिप में दो-दो हजार आवास होगा। इसके निर्माण पर 84-84 करोड़ यानी 168 करोड़ खर्च होंगे। सोमवार को चेयरमैन वीणा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई जेआरडीए प्रबंध पर्षद की बैठक में आवास निर्माण का ठेका कमला कंस्ट्रक्शन को देने का निर्णय लिया गया। बैठक में लिपनिया में 10 हजार आवास निर्माण के लिए डीपीआर बनाने की स्वीकृत दी गई। जबकि दो हजार आवास निर्माण के लिए बजट स्वीकृत की गई।