शर्म कीजिए! आपने कटवा दी शिक्षा विभाग की नाक
जागरण संवाददाता, धनबाद : 17 प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी, बीपीओ, बीआरपी-सीआरपी समेत लगभग 250 शिक्ष
जागरण संवाददाता, धनबाद : 17 प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी, बीपीओ, बीआरपी-सीआरपी समेत लगभग 250 शिक्षा पदाधिकारियों का जमावड़ा। उनके सामने मंच पर आसीन थे, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद् के प्रशासी पदाधिकारी प्रदीप कुमार चौबे और डीएसई बांके बिहारी सिंह। प्रशासी पदाधिकारी ने कुछ सवाल ऐसे पूछे लिए कि सभी के सभी पदाधिकारी इधर-उधर झांकने लगे। 250 पदाधिकारियों में से एक भी 'ग्रॉस इनरोलमेंट रेशो' और 'नेट इनरोलमेंट रेशो' नहीं बता सका। तोपचांची के बीईईओ जयराम प्रसाद तो जीईआर का फुल फॉर्म तक नहीं बता सके। दरअसल टाउन हाल में सोमवार को प्रशासी पदाधिकारी सर्वशिक्षा अभियान के कार्यो, शौचालय निर्माण एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। उनके साथ डीएसई बांके बिहारी सिंह भी उपस्थित थे।
प्रशासी पदाधिकारी ने समीक्षा के बीच बीईईओ, बीआरपी-सीआरपी से ग्रास इनरोलमेंट रेशो के बारे में पूछ लिया। बकायदा हाथ खड़े कर जवाब देने को कहा, जब पदाधिकारियों के पास माइक भिजवा गया तो कोई भी लेने को तैयार नहीं हुआ। किसी तरह तोपचांची बीईईओ ने माइक थामी, लेकिन वो इसका फुल फॉर्म तक नहीं बता सके। इसके बाद स्कूलों में पहली में नामांकन के दौरान तीन माह के प्रिपरेटरी कोर्स 'खेल-खेल में' के संबंध में पूछा तो भी कोई नहीं बता पाया। इस पर प्रशासी पदाधिकारी ने कहा आप सभी को शर्म आनी चाहिए, यह बेहद खेदजनक है कि शिक्षण कार्य से जुडे़ होने के बावजूद आप लोगों को इसका ज्ञान तक नहीं। आप सभी ने तो नाक कटवा दी। बीईईओ, सीआरपी-बीआरपी शौचालय बनवा सकते हैं, अन्य कार्य कर सकते हैं, लेकिन शैक्षणिक दृष्टिकोण से अक्षम हैं।
----------------
समीक्षा में ये बातें आई सामने
- सभी बच्चों को ड्रेस के साथ-साथ जूते-मोजे, टाई-बेल्ट मिलेगा।
- कस्तूरबा गांधी आवासी बालिका विद्यालय की छात्राओं को टैबलेट मिलेगा।
- शिक्षकों की तरह ही छात्र-छात्राओं की भी उपस्थिति दर्ज होगी।
- खेल-खेल में कार्यक्रम से अधिक से अधिक बच्चों को नामांकन सुनिश्चित करें।
- 2015-16 में स्कूलों के लिए यूनिफॉर्म की राशि आ चुकी है, पिछला खर्च होने पर ही मिलेगी राशि।
- टुंडी-पूर्वी टुंडी प्रखंड की शिक्षण स्तर का सबसे खस्ता हाल, सुधार की जरूरत है।
- सीआरपी-बीआरपी अपना वाट्सऐप ग्रुप बनाएं, ताकि कार्यो का सही तरीके से संचालन हो सके।
- बीईईओ और बीपीओ चरणबद्ध तरीके से यह निरीक्षण करें कि सीआरपी-बीआरपी फील्ड में जा रहे हैं या नहीं।