बेटियों पर पुलिस ने बरसायी लाठियां
जागरण संवाददाता, धनबाद : एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की बीएड छात्राओं पर बुधवार को पुलिस ने जमकर लाठियां
जागरण संवाददाता, धनबाद : एसएसएलएनटी महिला कॉलेज की बीएड छात्राओं पर बुधवार को पुलिस ने जमकर लाठियां बरसायी। घटना उस वक्त हुई जब छात्राएं कॉलेज में अपने भविष्य से खिलवाड़ का विरोध कर रही थी। घटना के बाद कॉलेज परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गई। सदर थाना के इंस्पेक्टर व धनबाद बीडीओ ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पाया। देर शाम एसडीओ के साथ प्राचार्य और छात्राओं की वार्ता हुई। एसडीओ ने प्रशासनिक स्तर पर सहयोग की बात कही। प्राचार्य को बीएड छात्राओं के कोर्स पूरा कराने के लिए विकल्प तलाशने की बात कही गई, जिसपर उन्होंने विश्वविद्यालय से दिशा-निर्देश लेकर पहल करने की स्वीकृति दी।
क्या है मामला : सत्र 2015-16 से एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में बीएड में अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों का कार्य समाप्त कर दिया है। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) मापदंड पूरा नहीं होने के कारण विवि के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है। शिक्षकों का अनुबंध समाप्त होने के कारण चालू सत्र की बीएड छात्राओं का कोर्स अधूरा रह गया है। उनकी टीचिंग प्रैक्टिस पूरी नहीं हुई है। इसे लेकर बुधवार को छात्राओं ने कॉलेज प्राचार्य का घेराव किया और वैकल्पिक बंदोबस्त की मांग की। छात्राओं ने बताया कि प्राचार्य ने उनकी मदद के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार किया और चैंबर से निकल जाने को कहा। इसे लेकर छात्राएं आक्रोशित हो उठी और बीच सड़क पर धरना पर बैठ गई।
सुबह दस से रात आठ बजे तक बवाल
बीएड छात्राओं का बवाल सुबह दस बजे से शुरू होकर रात आठ बजे तक चला। दिन में हुई बारिश के दौरान भी छात्राएं डटी रही। छात्राओं की मांग थी कि प्राचार्य अपने चैंबर से बाहर आकर उनसे बात करे, जबकि प्राचार्य इसके लिए तैयार नहीं थी। इस वजह से सुबह से शाम तक इस मामले पर कोई फैसला नहीं हो सका।
खड़ी रही महिला पुलिस, जवानों ने बरसाये डंडे
देर शाम तक छात्राओं का हंगामा होता रहा। छात्राओं के समर्थन में दो लड़के भी पहुंच गये और हंगामा करने लगे। स्थिति बिगड़ते देख प्राचार्य ने एसडीओ को सूचित किया। कुछ ही देर में महिला थाना सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल कॉलेज पहुंचा। छात्राओं के साथ हंगामा कर रहे दो युवकों को हिरासत में लिया गया। इस वजह से छात्राएं पुलिस से भिड़ गई। महिला पुलिस की मौजूदगी के बावजूद जवानों ने न केवल छात्राओं से धक्का-मुक्की की, बल्कि उन पर डंडे भी बरसाये। हालंाकि इसके बाद भी छात्राएं आंदोलन से नहीं हटी और उन्होंने प्राचार्य कक्ष में घुसकर हंगामा शुरू कर दिया। घंटों नोक-झोंक के बाद भी कोई नतीजा सामने नहीं आया। बाद में बीडीओ ने एसडीओ से वार्ता की बात कह कर स्थिति पर काबू पाया।
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कॉलेज से एसडीओ दफ्तर पर पैदल मार्च
रात के तकरीबन साढ़े सात बजे छात्राओं व प्राचार्य को एसडीओ के साथ वार्ता के लिए बुलाया गया। बीडीओ ने कहा कि पांच छात्राएं वार्ता में जाएंगी और अन्य कॉलेज में रहेंगी, जिसे छात्राओं ने नहीं माना और सभी छात्राएं कॉलेज से पैदल मार्च कर एसडीओ कार्यालय पहुंची।
सर, प्रशासनिक पहल पहले क्यों नहीं हुई?
एसडीओ से वार्ता के दौरान बीएड छात्राओं ने वैकल्पिक बंदोबस्त की मांग की। साथ ही यह भी सवाल उठाया कि जिला प्रशासन स्तर पर यह पहल पहले क्यों नहीं की गई। उन्होंने बताया कि बोकारो, दुर्गापुर, पुरुलिया सहित अन्य दूर-दराज से छात्राएं सुबह नौ बजे आयी थी। सुबह से ही हंगामा हो रहा था, तो प्रशासन चुप क्यों था। उन्होंने प्राचार्य द्वारा दुर्व्यवहार करनेतथा पुलिस लाठी चार्ज की भी शिकायत की।
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'कॉलेज का बीएड केंद्र एनसीटीई का मापदंड पूरा नहीं कर पा रहा था। कॉलेज व विवि स्तर पर कई बाद प्रयास किया गया, पर सफलता नहीं मिली। अनुबंध पर बहाल शिक्षकों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, इसलिए उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। हालांकि विवि ने आश्वस्त किया है कि उन्हें हटाया नहीं जाएगा, बल्कि अन्य संस्थानों में एडजस्ट किया जाएगा। छात्राओं के लिए भी वैकल्पिक बंदोबस्त किए जाएंगे'
डॉ. मीना श्रीवास्तव, प्राचार्य
एसएसएलएनटी महिला कॉलेज
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'छात्राओं की मांगे प्राचार्य ने मान ली है। विधिवत कार्रवाई की बात कही है। बच्चि्यों ने प्राचार्य की बात पर सहमति जतायी है। लाठी चार्ज के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सूचना मिलती है, तो पूरे मामले की जांच कराएंगे'
महेश संतालिया, एसडीओ