डीआरएम कार्यालय में धमाके के साथ आग
जागरण संवाददाता, धनबाद : डीआरएम कार्यालय परिसर में बुधवार की सुबह भूतल पर स्थित विद्युत पैनल में धमा
जागरण संवाददाता, धनबाद : डीआरएम कार्यालय परिसर में बुधवार की सुबह भूतल पर स्थित विद्युत पैनल में धमाके के साथ हुई शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। घटना सुबह के लगभग साढ़े नौ-दस बजे के बीच डीआरएम के चेंबर के ठीक पीछे हुई। आवंटन शाखा के समीप मुख्य स्वीच घर में लगी आग से पूरा दफ्तर धुंए से भर गया। धुंआ देखते ही चीख-पुकार के साथ भगदड़ मच गई। लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि रेलवे का मानना है कि पैनल में कूड़ा था, जिसमें किसी कर्मचारी ने जली हुई तिली या सिगरेट फेंक दिया था, जिससे आग लगी।
क्या कहते हैं रेल अधिकारी : इस बारे में रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए सीनियर स्केल के तीन अफसरों की जांच कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
कर्मचारियों ने दिखायी दिलेरी
आग लगने और दफ्तरों में धुंआ भरने के दौरान रेलकर्मियों ने दिलेरी दिखायी। स्टोर में काम करने वाली महिला कर्मी अंजु सिंह ने शोर मचाकर लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की। एक अन्य कर्मचारी ने आग की परवाह किए बगैर मेन स्वीच ऑफ करने में सक्रिय भूमिका निभायी।
70 फीसद हिस्से में रहा दिनभर अंधेरा
डीआरएम कार्यालय में एक ही स्थान पर कई विभाग संचालित हैं। यही वजह है कि यहां अलग-अलग विद्युत पैनल बनाए गए हैं। बुधवार को जिस पैनल में विस्फोट के साथ आग लगी, उस वजह से यांत्रिक विभाग, अभियंत्रण विभाग, कोल एरिया मैनेजर विभाग, आवंटन शाखा, स्टोर शाखा सहित भवन के लगभग 70 फीसद हिस्से में दिनभर अंधेरा रहा।
खिड़कियां तोड़ बाहर निकाले गये कर्मचारी
आवंटन शाखा में बैठे पुरुष व महिला कर्मचारी जान बचाने के लिए शोर मचाने लगे। वैकल्पिक मार्ग नहीं होने के कारण खिड़की तोड़ी गई और सीढ़ी लगाकर उन्हें बाहर निकाला गया। दूसरे तल में भी धुंआ के कारण अफरा-तफरी मची रही। खिड़की तोड़ कई कर्मचारियों को बाहर निकाला गया। रेलकर्मियों ने बताया कि पूर्व में बाहर निकलने के लिए कई वैकल्पिक मार्ग थे, जिन्हें बंद कर दिया गया है।
स्वाहा होने के बचा रेलवे का रिकॉर्ड रूम
धनबाद : आवंटन शाखा व ईटी सेक्शन के बीच पैनल में लगी आग की घटना अगर शाम में होती, तो रेलवे का रिकॉर्ड रूम जलकर खाक हो जाता। मुख्य स्वीच घर रिकॉर्ड रूम के ठीक बाहर है।