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हथियार के साथ दबोचे गए ट्रेन लुटेरे

जागरण संवाददाता, धनबाद : 20 दिन में चार ट्रेनों में लूटपाट करनेवाले दोनों अपराधियों को रेल पुलिस ने

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 01:15 AM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 01:15 AM (IST)

जागरण संवाददाता, धनबाद : 20 दिन में चार ट्रेनों में लूटपाट करनेवाले दोनों अपराधियों को रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को बुधवार देर रात रेलवे यार्ड से ही दबोचा गया। उनके पास से यात्रियों से लूटे गए सामान के साथ एक देशी कट्टा और चाकू भी बरामद किया गया है। दोनों को जेल भेजा जा रहा है।

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पकड़े गए अपराधियों के नाम गुलजार और विकास हैं। गुलजार गोविंदपुर का तो विकास मनईटांड़ का निवासी है। दोनों कई मामलों के आरोपी हैं। विकास हत्याकांड का भी आरोपी है। शक्तिपुंज एक्सप्रेस में पांच फरवरी को हुई लूट के मामले में रेल पुलिस ने सबसे पहले लल्लू नामक अपराधी को पकड़ा था। उसने ही विकास और गुलजार का नाम बताया था। इसके बाद से ही रेल पुलिस दोनों को दबोचने का प्रयास कर रही थी लेकिन दोनों ताबड़तोड़ लूट की घटना को अंजाम दे रहे थे। बुधवार देर रात दोनों के बारे में रेल पुलिस को जानकारी मिली कि वे रेलवे यार्ड के पास हैं। इसके बाद रेल पुलिस की टीम ने छापेमारी कर उन्हें दबोच लिया। उनके पास से एक देशी कट्टा और चाकू भी बरामद किया गया है। लूटपाट में वे इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल करते थे। उनकी निशानदेही पर रेल पुलिस ने दुमका-इंटरसिटी ट्रेन में लूट की शिकार बनी महिला रेणु कुमारी की डायरी, पैन कार्ड, एटीएम और वोटर आइ कार्ड भी बरामद कर लिया। इसके अलावा गांधी धाम एक्सप्रेस में यात्री से लूटे गए मोबाइल फोन का सिम कार्ड भी बरामद किया गया है। रेल डीएसपी विनोद कुमार महतो ने बताया कि कीमती सामान को अपराधियों ने बेच दिया। उनके पास से दो हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं। रेल डीएसपी के अनुसार सबसे पहले शक्तिपुंज एक्सप्रेस में गुलजार और विकास ने लल्लू के साथ लूटपाट की थी। लल्लू को गिरफ्तार कर लिया गया तो इन दोनों ने दुमका इंटरसिटी एक्सप्रेस में दो बार और गांधी धाम एक्सप्रेस में एक बार लूटपाट की।

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नशे की लत पूरी करने को करते लूटपाट

पकड़े गए दोनों अपराधी गुलजार और विकास नशे के गुलाम हैं। दोनों हेरोईन और अफीम का नशा करते हैं। नशे की लत पूरी करने के लिए वे ट्रेनों में लूटपाट कर पैसे का इंतजाम करते थे। धनबाद स्टेशन या यार्ड में ट्रेनों की धीमी रफ्तार होने पर वे सवार हो जाते थे और गेट के आसपास बैठे यात्रियों से लूटपाट कर उतर जाते थे।


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