आइआइटी दर्जे के लिए 900 यूनिट रक्तदान
जागरण संवाददाता, धनबाद : आइआइटी टैग के लिए आइएसएम छात्रों का इरादा बुलंद होता जा रहा है। अपनी आवाज समर्थ कानों तक पहुंचाने के लिए वे सभी शांतिपूर्ण प्रयास कर रहे हैं। इस कड़ी में रविवार को उन्होंने अद्भुत नजारा पेश किया। स्थान था इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आइएसएम) का पेनमेन हॉल। यहां जिधर नजर डालिए उधर बेड था और उसपर कोई लेटा नजर आ रहा था। इस बड़े हॉल में कई जमीन पर ही लेटे थे। यहीं के छात्रों ने महा रक्तदान शिविर का आयोजन किया था और वे जरूरतमंदों के लिए रक्तदान कर रहे थे।
जी हां, एक साथ 900 से अधिक छात्र-छात्राओं ने रक्तदान कर इतिहास रच दिया। आइएसएम को आइआइटी का दर्जा दिलाने की मांग के साथ जरूरतमंदों को सहजता से रक्त उपलब्ध कराने के लिए छात्रों ने अनूठी मिसाल पेश की। सुबह नौ बजे शुरू हुआ रक्तदान का यह महा अभियान शाम तक चला। ब्लड डोनेट करने वालों में बड़ी तादाद में छात्राएं भी थीं। पहले तय था कि 800 छात्र ही रक्तदान करेंगे पर यह संख्या बढ़कर 900 से भी अधिक हो गई।
मिशन आइआइटी का नेतृत्व कर रहे आइएसएम छात्र वरुण पांडेय व शशांक शेखर ने बताया कि रक्तदान जीवनदान है। हम सब द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगी बचाने के काम आएगा। खून के लिए जूझते लोगों को इसके इंतजाम के लिए परेशान नहीं होना होगा। शशांक ने बताया कि अब आइएसएम छात्र सामाजिक कार्यो के जरिये अपनी मांग सरकार तक पहुंचा रहे हैं। इससे समाज के लोगों को फायदा तो होगा ही, आइएसएम टु आइआइटी को भी व्यापक समर्थन मिलेगा। गौरतलब है कि इस अभियान के साथ आइएसएम छात्रों ने बिहार-झारखंड में एक दिन में एक संस्थान द्वारा सबसे अधिक रक्तदान का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। इसके पहले यह रिकॉर्ड टाटा के नाम था। संस्थान के कर्मचारियों ने एक दिन में 415 यूनिट रक्तदान किया था।
इनसेट
धनबाद-बोकारो के पांच ब्लड बैंकों को दिया गया रक्त
आइएसएम छात्रों द्वारा रविवार को आयोजित कैंप में संग्रहित करीब 900 यूनिट ब्लड धनबाद और बोकारो के पांच ब्लड बैंकों को दिया गया। धनबाद के पीएमसीएच ब्लड बैंक को 282 यूनिट रक्त दिया गया।