रेल कर्मियों से 90 लाख की ठगी
जागरण संवाददाता, धनबाद : रेलवे कर्मचारी कल्याण समिति की आड़ में 90 लाख रुपये ठगी का मामला प्रकाश में आया है। नौकरी के दौरान जमा की गई रकम जब इन कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद भी नहीं मिली तो मामले की शिकायत धनबाद थाने में की गई है। पीड़ित मान रहे हैं कि आरोपियों ने वीआरएस ले ली है, इस कारण उनकी रकम अब और मुश्किल में फंस गई है। इन लोगों ने कार्रवाई के लिए एसपी और डीसी से भी शिकायत की है।
अजंता पाड़ा (हीरापुर), भरत चंद्र मैती (भिश्तीपाड़ा), देव कुमार बोस (विनोद नगर) और तपन कुमार चटर्जी (हीरापुर) ने थाने में शिकायत की है। बताया है कि जब वे लोग सर्विस में थे तब वॉच एंड वॉच कालोनी निवासी मो. गयासुद्दीन और पानी टंकी मनइटांड निवासी स्नेहजीत अधिकारी ने उन लोगों को बताया कि वे कर्मचारी कल्याण समिति एसी प्लांट मंडल रेल कार्यालय धनबाद के नाम से चला रहे हैं। समिति में रेकरिंग और फिक्सड दो स्कीम चल रही है। दोनों में अलग-अलग ब्याज मिलने की बात कही और बताया कि जरूरत पड़ने पर समिति से ब्याज पर लोन भी मिलता है। इन बातों पर विश्वास कर तमल राय ने 45 हजार, भरत चंद्र मैती ने 2 लाख 12 हजार, बेद कुमार बोस ने 40 हजार और तपन कुमार ने 40 हजार रुपये इन दोनों के पास जमा कर दिए। वर्ष 2013 में इनका भुगतान होना था लेकिन भुगतान नहीं किया गया। रकम मांगने पर विभिन्न प्रकार के बहाने बनाए जाते रहे। 25 अगस्त को जब रकम मांगने ये लोग उनके घर पर गए तो बुरे परिणाम की धमकी दी गई।
90 लाख ठगी का दावा :
पुलिस को दी गई शिकायत में उक्त लोगों ने दावा किया है कि इस गिरोह ने कल्याण समिति की आड़ में दर्जनों कर्मचारियों को चूना लगाया है। कहा है कि इन लोगों के पास कर्मचारियों का करीब नब्बे लाख रुपये है। आरोप ये भी है कि उक्त लोगों लेखाजोखी वाला रजिस्टर भी गायब कर दिया है।
सेवानिवृत्ति लाभ लेकर भागने की तैयारी : कल्याण समिति की जाल में फंसे दर्जनों रेल कर्मचारी व सेवानिवृत लोग रविवार की शाम धनबाद थाने पहुंचे थे। इन लोगों का कहना था कि उक्त दोनों लोगों ने साजिश के तहत वीआरएस ले लिया है। अब सेवानिवृत्ति लाभ की भी रकम बटोर कर यहां से फरार होने वाले हैं। उक्त लोगों ने पुलिस से इनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग रखी है।