सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जमकर नाचे किन्नर
राजीव शुक्ला/संजय, झरिया :
ए काजल, ए निर्मला जल्दी नीचे आंगन में आओ। मालूम है हम अनाथों को नाथ मिल गया। सुप्रीम कोर्ट ने हमें पहचान दे दी। थर्ड जेंडर के रूप में हम अब सरकारी कागजों में दर्ज होंगे। सरकार हमारे लिये कल्याणकारी कार्य करेगी। नाचो गाओ खुशियां मनाओ। हर्ष से सराबोर झारखंड किन्नर समाज की प्रदेश अध्यक्ष छमछम देवी कुछ इसी अंदाज में आज जामाडोबा स्थित अपने घर में दिख रहीं थीं। जब से मंगलवार को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय के बारे में जाना था उनकी खुशियां थामे नहीं थम रहीं थीं।
उनके आवाज देने पर कई किन्नर आ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हम किन्नरों के लिए एतिहासिक फैसला दिया है। हमारे लिये कल्याणकारी कार्य तो होंगे ही शिक्षा की भी सरकार विशेष व्यवस्था करेगी। बस क्या था छमछम की यह बात सुन सारे किन्नर खुशियां जता उनसे बधाई मांगने लगे। छमछम ने सबको खुश रहने का आशीर्वाद दिया तो सारे किन्नरों ने उनका मुंह मीठा कर दिया। कई किन्नर तो बधाइयां भी गाने लगे। किन्नर श्वेता, राखी, नैना, निर्मला, काजल आदि का कहना था कि हमें समाज में माननीय न्यायालय ने सम्मान दिलाया। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है। आखिर हमें किसी ने तो इंसान समझा। श्वेता तो यहां तक बोल पड़ी की हम इंटर पास हैं। जरूरत पड़ने पर तो देश की सेवा के लिये सीमा पर भी लड़ने को तैयार हैं।
हिजड़ा शब्द सुनकर बहुत पीड़ा होती है : छमछम का कहना है कि हम भी इंसान हैं। पर हमारे प्रति समाज का नजरिया दुख भरा है। कहीं जाते हैं तो लोग कहते हैं कि वह देखो हिजड़ा जा रहा है। हम लोगों को ऐसे संबोधनों पर कोफ्त होती है। पर आज तो सुप्रीम कोर्ट ने न्याय दे दिया। हमें थर्ड जेंडर के रूप में पहचान दे दी।
समाज सेवा का मिला है प्रशस्ति पत्र : भले ही सुनने में अटपटा लगे पर यह सही है। किन्नर को समाज यथोचित सम्मान देने में कोताही बरतता है। पर ये किन्नर समाज सेवा में किसी से कम नहीं हैं। छमछम देवी को समाज सेवा के लिये प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है। चिमनी शाह बाबा की मजार पर चादरपोशी का उत्सव हो या कोई अन्य धार्मिक समारोह पूरी तन्मयता के साथ छमछम व उनकी टीम वहां शिरकत करती है। समाज के गरीब वर्ग के लोगों की भी मदद को जामाडोबा में रहने वाले किन्नर तत्पर रहते हैं। ..
बेहतरीन है हमारे देश का कानून : छमछम कहतीं हैं कि हमारा देश तो दुनिया का पहला देश बन गया है जहां की अदालत ने किन्नरों को सम्मान दिलाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है। अब किन्नर समाज के लिये सरकार कल्याणकारी कार्य करेगी। हमें भी शिक्षा, रोजगार और सामाजिक स्वीकार्यता का अधिकार मिल गया है। सुप्रीम कोर्ट को हमारा दर्द और समाज से मिलने वाली प्रताड़ना का अहसास हुआ। कोर्ट के इस कदम की हमारा पूरा समाज प्रशंसा करता है।
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प्रशासन जल्द करे थर्ड जेंडर के रूप में दर्ज : छमछम ने बताया कि हमारे यहां ही पैंतालिस किन्नर हैं। सबके पास वोटर कार्ड हैं। पर जिले की सूची में सिर्फ दो किन्नर को ही अन्य की श्रेणी में दर्शाया गया है। हमें थर्ड जेंडर का दर्जा मिला है। प्रशासन वोटर लिस्ट में भी यह कालम बना किन्नरों को सूचीबद्ध करे। मतदान को सबसे बड़ा दान बता इसे देशहित में करने की अपील की।