कश्मीर पर रणनीति बदले सरकार: शंकराचार्य
सत्ता मद से देश दिशाहीन हो चुका है। तीन दिवसीय प्रवास में धार्मिक नगरी पहुंचे शंकराचार्य लक्ष्मी निवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
देवघर, जागरण संवाददाता। पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देश के वर्तमान हालात पर चिंता प्रकट करते कहा कि कश्मीर में जिन सैनिकों ने बाढ़ के समय युवकों को डूबने से बचाया, आज उन सैनिकों पर वे पत्थरों का प्रहार कर रहे हैं और सरकार मौन है। ऐसे में भाजपा को निरीक्षण करना चाहिए कि उसका लक्ष्य क्या है। कहा कि यूपीए और एनडीए सरकार में कोई अंतर नहीं है। कोई भी राजनीतिक दल सत्ता लोलुपता से मुक्त नहीं है।
सत्ता मद से देश दिशाहीन हो चुका है। तीन दिवसीय प्रवास में धार्मिक नगरी पहुंचे शंकराचार्य लक्ष्मी निवास में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कहा कि जब एक आम आदमी को आत्मरक्षा का अधिकार है तो कश्मीर की सीमा पर तैनात सैनिकों को यह अधिकार क्यों नहीं है। सरकार को सुझाव दिया कि वह सैनिकों को वर्दी में नहीं रखकर सामान्य पोशाक व सामान्य वाहन में रखकर आतंकवादियों से मुकाबला करने पर विचार करे। वैसे अवकाशप्राप्त सैन्य अधिकारी जो विश्वास प्राप्त रहे हैं उनको कश्मीर में बसाना चाहिए। भारत में आस्था रखने वाले सीमा पर रह रहे लोगों को सरकार संरक्षित करे।
वधशाला के फैसले पर योगी की आलोचनाउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वधशाला पर लिए गए फैसले की आलोचना की और सवालिया लहजे में कहा कि स्वतंत्र भारत में बूचडख़ाना भी वैध होता है। कहा कि जिस देश में शंकराचार्य को ही न्याय नहीं मिलता, वहां आम जनता को क्या न्याय मिल सकता है।
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