श्रीराम जन्मभूमि का विवादित ढांचा मैंने ध्वस्त किया : वेदांती
श्रीराम जन्मभूमि के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर विवादित ढांचे को मैंने ध्वस्त कराया था।
जागरण संवाददाता, चितरा (देवघर) । श्रीराम जन्मभूमि के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर विवादित ढांचे को मैंने ध्वस्त कराया था। इसमें डॉ. मुरली मनोहर जोशी, एलके आडवाणी, उमा भारती, अशोक ङ्क्षसघल समेत अन्य नेताओं का कोई हाथ नहीं था। वे सभी विध्वंस के खिलाफ थे। मुझे इसके लिए फांसी पर चढऩा पड़े तो इसके लिए तैयार हूं। रविवार को सहरजोरी पहुंचे। यहां चल रहे शतचंडी महायज्ञ में प्रवचन करते हुए उन्होंने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि आदिकाल से हमारा देश विश्वगुरु रहा है। सोने की चिडिय़ां कहे जाने वाले भारत देश की धार्मिक, सांस्कृतिक व आर्थिक ढांचे को ध्वस्त करने के लिए विदेशी हमलावरों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। कहा कि विदेशी हमलावरों व मुगल शासकों ने देश के प्रमुख 300 मंदिरों को ध्वस्त किया। इसमें सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, मथुरा आदि शामिल है। राम जन्मभूमि के बारे में ऐतिहासिक व धार्मिक प्रमाण देते हुए कहा कि जहां आज पुलिस तैनात है वह भगवान राम की जन्मभूमि है। यहां महाराज विक्रमादित्य ने मंदिर का निर्माण कराया था। बाबर ने उसे मस्जिद का शक्ल देने की कोशिश की। मगर हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं का स्थान देखकर मुस्लिम समुदाय ने यहां नमाज अदा करने से इन्कार कर दिया था। 1950 के पूर्व अनेक मुस्लिम नेताओं ने अदालत में हलफनामा दायर कर राम मंदिर के निर्माण का समर्थन किया है। आज भी उदारवादी मुस्लिम राम मंदिर निर्माण के हिमायती हैं। इसलिए राम मंदिर का निर्माण वहीं होना चाहिए।