विकास की अंधी दौड़ में धरती बदसूरत
जाटी, देवघर : साइंस एंड मैथमेटिक्स डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन की ओर से संत माइकल एंग्लो विद्यालय परिसर म
जाटी, देवघर : साइंस एंड मैथमेटिक्स डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन की ओर से संत माइकल एंग्लो विद्यालय परिसर में शनिवार को विश्व पृथ्वी दिवस पर संगोष्ठी और चित्रांकन प्रतियोगिता हुई। आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जेसी राज ने कहा कि हर साल 22 अप्रैल को मनाए जानेवाला पृथ्वी दिवस अब महज औपचारिकता ही है। पूरी दुनिया 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाती है और अमेरिका में इसे वृक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहले 21 मार्च और 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता था।
डॉ. प्रदीप कुमार ¨सह देव ने कहा कि पृथ्वी बहुत व्यापक शब्द है। इसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जुड़े अन्य कारक हैं। धरती को बचाने का आशय इसकी रक्षा के लिए पहल करना है। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि पृथ्वी दिवस पर देश और दुनिया में जागरूकता का अभाव है। सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जा रहा है। शिक्षिका पूजा कुमारी ने पॉलीथिन का उपयोग नहीं करने के लिए कहा। इस दौरान छात्र-छात्राओं के बीच ग्लोब बनाओ चित्रांकन प्रतियोगिता हुई।
देवघर सेंट्रल स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम के दौरान देवेश पाण्डेय ने कहा कि बेहद खूबसूरत धरती को हमने औद्यागिक विकास की अंधी दौड़ में बदसूरत बना दिया है। लोगों ने अपनी अंतहीन लालसा को पूरा करने के लिए धरती के स्वरूप बर्बाद कर दिया। यही कृत्य ग्लोबल वार्मिंग के भयावह रूप में सामने आया है। अंजनी शुक्ला ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हरियाली हमें विरासत में सौंपी थी। असीम कुंडु ने कहा कि यह विकसित देशों की क्रियाकलाप का प्रतिफल है। राजीव ने कहा कि वाहनों की संख्या में कमी लानी होगी और गैर पारंपरिक उर्जा स्त्रोतों को अपनाना होगा। मिश्रा रेसिडेंसियल स्कूल में भी कार्यक्रम आयाजित किया गया। इस क्रम में आयोजित चित्रांकन प्रतियोगिता में अभिनव राज ने प्रथम, आकांक्षा कुमारी द्वितीय, काजल तृतीय तथा किशन कुमार ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को 29 अप्रैल को पुरस्कृत किया जाएगा।
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पेड़-पौधे मानव के अभिन्न मित्र
देवघर : पृथ्वी दिवस पर जसीडीह बीएड कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन पौधरोपण के साथ शनिवार को हुआ। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने 50 फलदार व औषधीय पौधे लगाए। नारा लेखन, पोस्टर प्रदर्शनी व परिचर्चा से संबंधित कार्यक्रम भी आकर्षण का केंद्र रहा।
प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधे जन्म से लेकर मृत्यु तक व्यक्ति के लिए उपयोगी है। छात्र-छात्राओं ने पृथ्वी के संरक्षण और सुरक्षा पर स्लोगन लिखा और कॉलेज परिसर में इसका प्रदर्शन किया। पृथ्वी को बचाने से संबंधित परिचर्चा में खुशबू, नेहा, अमित, अन्यवेष, पंकज, जेबा, सौरभ और गायत्री ने अपने विचार रखे। ¨पकी, दशरथ, पंकज, सरोज, विकास, विनिता ने फलदार वृक्ष लगाकर संरक्षण का संकल्प लिया। संचालन प्रो. विकास कुमार ने किया। अंजु पंडित, सूर्यबली ¨सह यादव, प्रेरणा कुमारी, केके झा, सुनील कुमार तिवारी सहित अन्य उपस्थित थे। संत कोलंबस विद्यालय में भी पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न कक्षा के बच्चों ने धरती मेरी मां से संबंधित आकर्षक पेंटिग्स और स्लोगन का प्रदर्शन किया। परिचर्चा के क्रम में ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत में छिद्र, वनों की कटाई, प्रदूषण की समस्या, अम्लीय वर्षा और कारखानों से उत्सर्जित जहरीली गैस आदि के दुष्परिणाम पर विस्तार से चर्चा की गई। प्राचार्य ने कहा कि अभियान की शुरुआत छात्र-छात्राएं स्वयं घर से करें। अपने आस-पास की सफाई, पौधरोपण, नदियों की सफाई तथा वायु मंडल को प्रदूषित होने से बचाकर धरती पर जीवन को अक्षुण्ण रख सकते हैं। संचालन में शिक्षिका नूतन कुमारी, शिक्षक उज्जवल कुमार एवं संजय कुमार झा का योगदान सराहनीय रहा।