सिमरामोड़ हाट से मवेशी की तस्करी
चितरा (देवघर) : सारठ के सिमरा मोड़ में लगने वाला साप्ताहिक हाट मवेशी तस्करों का अभ्यारण्य बन गया है।
चितरा (देवघर) : सारठ के सिमरा मोड़ में लगने वाला साप्ताहिक हाट मवेशी तस्करों का अभ्यारण्य बन गया है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगी तो ग्रामीण क्षेत्रों में पशु संसाधन को घोर कमी हो जाएगी।
सूत्रों की मानें तो 10 वर्ष पूर्व की तुलना में ग्रामीण इलाकों में मवेशियों की संख्या आधी हो गई है। ऐसा पशु तस्करी के कारण हुआ है। यहां से खरीदे गए पशु बंगलादेश भेजे जाते हैं। इसमें तस्करी से जुड़े लोगों की अच्छी कमाई हो जाती है। खेती समाप्ति के बाद यह धंधा और भी जोर पकड़ लेता है। खरीदे गए पशुओं को ट्रकों में लादकर जमुआ, मंजिरा, तैतरिया से लखोरिया मोड़ ठाढ़ी होते हुए दुमका व अन्य स्थानों पर ले जाया जाता है। इस रास्ते में महज एक थाना ठाढ़ी आता है। ऐसे में तस्करों द्वारा मवेशियों को बेरोकटोक गंतव्य तक पहुंचा दिया जाता है। इनके तार भारतीय सीमा के व्यापारियों से जुड़े होते हैं। जिनके माध्यम से बांगला देश पशुओं की तस्करी की जाती है।