सरकार की बात नहीं मानते कार्यपालक अभियंता
देवघर : सरकार का स्पष्ट आदेश है कि विकास की राशि बैंक में नहीं रखी जाएगी। वित्त विभाग की अनुमति के ब
देवघर : सरकार का स्पष्ट आदेश है कि विकास की राशि बैंक में नहीं रखी जाएगी। वित्त विभाग की अनुमति के बगैर बैंक में खाता नहीं खोला जाएगा, लेकिन जल संसाधन विभाग इस बात से हैरान है कि लघु सिंचाई प्रमंडल इसकी परवाह नहीं कर रहा है। सूबे के सभी जिला में लघु सिंचाई प्रमंडल अपने मन माफिक कार्य कर रहा है। विभाग की अनुमति के बगैर दूसरे स्रोत से निधि लेकर विभागीय कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। यह सरासर गलत एवं अनियमितता को दर्शाता है। प्रधान सचिव जल संसाधन के एतराज भरे पत्र से यह स्पष्ट हो गया है कि विभाग को मालूम भी नहीं होता कि उनके अधिकारी क्या कर रहे हैं। हद तो यह कि डेढ़ लाख से अधिक का कार्य निविदा से होना है, लेकिन प्रधान सचिव का मानना है कि जिला में लघु सिंचाई प्रमंडल सरकार के मानकों की भी अनदेखी कर रहा है। इतना ही नहीं उस दूसरे विभाग से प्राप्त निधि को व्यवसायिक बैंकों में खाता खोलकर रखा जा रहा है।
तत्काल कार्य बंद करने का आदेश
कार्यपालक अभियंता को आदेश दिया गया है कि वह पत्र मिलते ही तत्काल उन योजनाओं का कार्यान्वयन बंद करा दें जो जल संसाधन से इतर है। जिसकी अनुमति विभाग से नहीं है उनकी मापी कराते हुए बाकी राशि वापस कर दें। जानकारी हो कि वित्त विभाग की अनुमति के बगैर खोले गए बैंक खाता को अविलंब बंद कराते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगा गया है।
अनियमितता जो बरती गई
दूसरे विभाग से राशि लेकर योजनाओं के क्रियान्वयन की अनुमति जल संसाधन विभाग से नहीं दी गई है। ऐसे में जो कार्य कराए जा रहे हैं वह नियमानुकूल नहीं हैं। वित्त विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि विकास की राशि बैंक में नहीं रखा जाएगा। ना ही वित्त की अनुमति के बगैर बैंक में खाता खोला जाना है। सरकार को तो यह भी सूचना है कि डेढ़ लाख से अधिक की योजना का निविदा के माध्यम से क्रियान्वयन होना है, लेकिन जिला में इसकी अनदेखी की जा रही है।