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बच्चों के लिए वरदान कुपोषण उपचार केंद्र

मधुपुर (देवघर) : कुपोषित बच्चों के लिए अनुमंडल अस्पताल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी) वरदान साबि

By Edited By: Published: Sun, 29 May 2016 01:15 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 01:15 AM (IST)
बच्चों के लिए वरदान कुपोषण उपचार केंद्र

मधुपुर (देवघर) : कुपोषित बच्चों के लिए अनुमंडल अस्पताल स्थित कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी) वरदान साबित हो रहा है। दस बेड वाले केंद्र का शुभारंभ अगस्त 2015 में शुरू हुआ था। जिसमें अब तक 39 कुपोषित बच्चों बच्चों का इलाज हुआ। पिछले सात दिन में 10 बच्चों का इलाज किया जा चुका है। इस दौरान औसतन बच्चों को 15 दिन रखा जाता है, जिस पर चिकित्सकों की कड़ी निगरानी रहती हे। इस दौरान बच्चों को अस्पताल में निश्शुल्क मूंगफली पेस्ट, दलिया, सूजी, दूध, अंडा, मीठी खिचड़ी आदि पौष्टिक आहार दिया जाता है। बच्चे के साथ रहनेवाली माताओं को प्रतिदिन सौ रुपये मिलते हैं। पिछले दिनों 23 मई को दुमका से अधिकारियों की टीम ने अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस दौरान कुपोषण उपचार केंद्र की जांच में आवश्यक दिशानिर्देश दिए गए थे। निर्देश का असर ऐसा हुआ कि पर्यवेक्षिका व सेविका दो दर्जन से अधिक बच्चों को लेकर केंद्र पहुंच गई। जिसमें अधिकांश बच्चे जांच में स्वस्थ पाए गए।

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सेविका के आग्रह पर कई बच्चे भर्ती

वर्तमान समय में केंद्र में इलाजरत बच्चों में दो से तीन कुपोषित नहीं है। सेविकाओं के आग्रह पर लक्ष्य हासिल करने के मकसद से उन्हें भर्ती कर लिया गया है। माताओं ने बताया कि अस्पताल से बच्चों को पौष्टिक आहार मिल रहा है। अनुमंडल अस्पताल में पर्याप्त संख्या में विभिन्न दवाईयां उपलब्ध है। कमी है तो दो साल से धूल फांक रही लाखों के अल्ट्रासाउंड मशीन को चलानेवाले की। छह माह से महिला चिकित्सक के नहीं रहने से महिला मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। हालांकि अस्पताल में विभिन्न तरह के जांच की सुविधा उपलब्ध है। लोगों ने डिजिटल एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड तकनीशियन व एक महिला चिकित्सक के नियुक्ति की मांग की है। जिससे मरीजों के साथ ही बच्चों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।

वर्जन

उपलब्ध संसाधन के बावजूद बेहतर परिणाम देने का प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद के अनुरूप लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिल रही है। आनेवाले समय में और भी अच्छा कार्य किया जाएगा।

डॉ. सुनील मरांडी, प्रभारी, अनुमंडल अस्पताल


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