आधुनिकता से परिपूर्ण थी सिंधु घाटी नगर योजना
देवघर : एएस कॉलेज प्रशाल में सोमवार को इतिहास विभाग की ओर से परिचर्चा का आयोजन किया गया। 'आधुनिक संद
देवघर : एएस कॉलेज प्रशाल में सोमवार को इतिहास विभाग की ओर से परिचर्चा का आयोजन किया गया। 'आधुनिक संदर्भ में सिंधु घाटी सभ्यता के नगर निर्माण योजना' विषय पर आयोजित परिचर्चा का उद्घाटन प्राचार्य प्रो. गौरव गांगुली ने किया। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आयोजित परिचर्चा में बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है और इससे उन्हें सिर्फ लाभ मिलेगा। उन्होंने आयोजन की भरपूर सराहना की।
परिचर्चा में डॉ. एनके द्विवेदी ने कहा कि सिंधु घाटी मानव सभ्यता के इतिहास में महत्व रखता है। इसकी नगर निर्माण की प्रासंगिकता आज भी है। इसने परवर्ती सभ्यता को प्रभावित किया। यह सभ्यता काफी बढ़ी-चढ़ी थी।
डॉ. सोमनाथ मिश्र ने कहा कि नगर निर्माण योजना कई मायने में आधुनिक नगर निगम व नगरपालिका व्यवस्था को बताता है। ईसा के 2500 वर्ष पहले सिंधु घाटी के लोगों ने उच्च कोटि की सभ्यता का विकास किया था।
डॉ. जयनारायण राय ने इतिहासकार एएल बाशम को उद्धृत करते हुए कहा कि सिंधु घाटी की नगर निर्माण की तुलना लंकाशायर शहर से की गयी है। बड़े-बड़े अन्नागार, सामूहिक स्नानागार, राजमार्ग, उसके किनारे कूड़ेदान की व्यवस्था, समकोण पर काटती हुई गलियां, नगर निर्माण योजना की विशेषता को दर्शाता है। आधुनिक समय में जबकि सरकार निकायों के माध्यम से इस तरह की सुविधा दे पाने में विफल साबित हो रही है। सिंधु घाटी के लोगों का मानसिक क्षितिज इतना विस्तृत था कि उन्होंने एक उच्च कोटि की सभ्यता का विकास किया। डॉ. किरण पाठक ने भी अपने विचार प्रकट किए। इसके उपरांत आयोजित कार्यक्रम में सफल दो छात्रों को प्रमाणपत्र दिया गया।