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सैलानियों के शहर में हर तरफ गंदगी

मधुपुर (देवघर) : भारत पूरे विश्व में अपनी गौरवमय अतीत और उत्कृष्ट सभ्यता-संस्कृति के कारण जाना जाता

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 02:21 AM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 02:21 AM (IST)
सैलानियों के शहर में हर तरफ गंदगी

मधुपुर (देवघर) : भारत पूरे विश्व में अपनी गौरवमय अतीत और उत्कृष्ट सभ्यता-संस्कृति के कारण जाना जाता है। विभिन्न देशों से बड़ी संख्या में लोग अभी भी अध्यात्म की प्राप्ति के लिए भारत का रुख करते हैं। कृषि प्रधान इस देश की अधिकांश आबादी गांवों में बसती है। आधुनिकता के दौड़ में सरपट भागते इस देश का एक दुखद पहलू गंदगी भी है। स्थिति यह है कि इस समस्या से निदान के लिए स्वच्छता अभियान शुरू किया गया है। एक समय सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करनेवाले मधुपुर शहर के सुंदर चेहरे में जहां-तहां पड़ी गंदगी बदनुमा दाग के समान है। नगर पर्षद की बात ही निराली है, इसे साफ-सफाई से परहेज है। लोग भी अपने शहर को गंदा बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं।

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डालमिया चौक

गांधी चौक के बाद दूसरा महत्वपूर्ण स्थान डालमिया चौक है। सुबह होते ही ग्रामीण इलाकों के लोगों की यहां भीड़ जमा हो जाती है। स्कूल जानेवाले बच्चों से पूरा इलाका पट जाता है। इस महत्वपूर्ण स्थल के आसपास पड़ी गंदगी से सभी को परेशानी होती है। नप का भी गंदगी हटाने की तरफ कोई ध्यान नहीं है।

बस स्टैंड

अनुमंडल कार्यालय के समीप बस स्टैंड है। यहां भी गंदगी व कचरे का ढेर लगा हुआ है। इसे देखनेवाला कोई नहीं है। नगर पर्षद बस स्टैंड का सालाना बंदोबस्त करती है। इससे तीन लाख रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। यात्रियों को सुविधा कागजों पर ही दी जा रही है। गंदगी हटाने की दिशा में नप की कोई दिलचस्पी नहीं है।

अग्रसेन भवन धर्मशाला

शहर के अग्रसेन भवन के समीप करीब एक पखवारे से गंदगी जमा है। इसकी सफाई अब तक नहीं की गई है। जबकि प्रतिदिन यहां बाहर से यात्री ठहरने आते हैं। वहीं मोहल्लेवासियों को भी परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि नप प्रशासन को स्वच्छ भारत अभियान से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। यही कारण शहरी क्षेत्र से गंदगी साफ नहीं हो रहा है।

जागरण सुझाव

सैलानियों के शहर मधुपुर को साफ व स्वच्छ रखना नगर पर्षद के अलावा आम लोगों का भी कर्तव्य है। सिर्फ अखबार में तस्वीर छपवाने के लिए हाथ में झाड़ू उठाने से काम नहीं चलेगा। न ही किसी और पर दोषारोपण करने से गंदगी हटेगी। लोगों को भी पहल करने की जरूरत है। हम सोच-समझकर गंदगी फेंके तो समस्या का समाधान हो सकेगा। वहीं नप भी अपनी तरफ से गंदगी हटाने की शुरुआत करे तो मधुपुर एक बार फिर सुंदर दिखने लगेगा।


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