शक्ति का इस्तेमाल विवेकपूर्वक करें
देवघर : मानवाधिकार का वर्तमान पुलिस प्रणाली में महत्व विषय पर शुक्रवार को सूचना भवन में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस मौके पर एसपी राकेश बंसल ने मानवाधिकार, पुलिस व समाज पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शक्ति का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें तो मानवाधिकार उल्लंघन की बात ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस पर कानून को लागू करनी की जिम्मेदारी है। पुलिस ही एकमात्र ऐसा विभाग है जो जरूरत पड़ने पर आम जनता के मौलिक अधिकार पर भी आंशिक तौर पर अंकुश लगा सकता है। लेकिन इस शक्ति का इस्तेमाल करते वक्त अपने विवेक का इस्तेमाल करना जरूरी है। हमें अपनी ड्यूटी के वक्त व्यक्तिगत मुद्दों को अलग रखना होगा। पुलिस का काम है कि समाज के विकृत मानसिकता के लोग जो अपराधी हैं उनपर अंकुश लगाना। जब हमारी शक्ति अहंकार में बदल जाती है तभी परेशानी होती है। शक्ति का कम से कम तभी प्रयोग करें जब बहुत जरूरत पड़ जाए। हर पुलिसवाले को अपना मानसिक संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एक आम इंसान की ही तरह पुलिसवालों का भी मानव होने के नाते अधिकार है। लेकिन आज मैन पावर, संसाधन व कार्यक्षमता की कमी के कारण पुलिस पर जरूरत से ज्यादा बोझ है। पुलिस से हर किसी को उम्मीद है लेकिन ऐसे में इस बात को हम भूल जाते हैं कि पुलिस वाला भी एक इंसान है। फिर भी पुलिस की नौकरी की खूबसूरती ये है कि हर तरह का त्याग कर जनता को खुशियां देता है। इस मौके पर पीपी केके चौधरी ने कहा कि मानवाधिकार व पुलिस दो उल्टी बात हैं। लेकिन पुलिस को काम करते वक्त मानवाधिकार का उल्लंघन न हो इसका ध्यान रखने की जरूरत है। बेहतर तालमेल से किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। मौके पर पीपी बीपी पांडे, डीएसपी नवीन शर्मा, इंस्पेक्टर राम मनोहर शर्मा, मेजर नित्यानंद पाठक आदि उपस्थित थे।