संपर्क व संबंध में अंतर
देवघर : रकीबुल-तारा प्रकरण पर नाम आने के बाद एसडीपीओ अनिमेष नथानी ने मंगलवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि संपर्क व संबंध में अंतर होता है। रकीबुल से उनका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी मुलाकात रकीबुल से वर्ष 2010 में नवंबर-दिसंबर के बीच उनके बैचमेट सुरजीत ने करायी थी। उस दौरान उसका परिचय कोहली कहकर कराया गया था। अन्य बैचमेट से भी वह मिला था। वे रकीबुल से चार-पांच बार किसी विशेष मौके पर मिले हैं। हर बार सुरजीत साथ में था। ज्यादातर मुलाकात रांची में ही हुई है। उससे कभी अकेले नहीं मिले। उससे मोबाइल पर भी 4-5 बार बात हुई है। हर बार उससे नार्मल बातचीत हुई है कुछ विशेष नहीं। पिछले दिनों श्रावणी मेला के दौरान सुरजीत का नाम लेकर रकीबुल ने बात की थी। उसके कहने पर उन्होंने सीबीआइ के एक जज को पूजा करायी थी। हालांकि उन्हें जज का नाम याद नहीं है।
पूछे जाने पर कि क्या कभी रकीबुल देवघर आया और यहां उनसे मिला? नथानी ने कहा कि संभवत: एक बार वह यहां आया था और एक जज से मिला था। उन्होंने कहा कि अगर रकीबुल से उनका गहरा संबंध होता तो वे उसकी शादी व निकाह में शामिल होते। उन्हें न तो निमंत्रण मिला था और न ही वे वहां गए थे। उनका कहना है कि सिर्फ कुछ लोगों का ही नाम क्यों उछाला जा रहा है। बहुत से लोगों के बारे में पता चला है, जो लोग उसकी शादी व निकाह में शामिल हुए। उनके बारे में जानकारी होनी चाहिए कि वे क्यों गए। जहां तक तारा की बात है तो वे उससे कभी नहीं मिले। कोई बातचीत नहीं हुई न ही उसने कभी उनका नाम लिया है। एसडीपीओ के मुताबिक 24 अगस्त को वे यूपीएससी की परीक्षा देने जा रहे थे। इस दौरान रांची के पास उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वे घायल हो गए और बाद में इलाज के लिए दिल्ली चले गए। वे 15 दिन के अवकाश पर थे। इस दौरान खबरों में नाम आने के बाद वे छुट्टी के बीच में ही मंगलवार की शाम रांची पहुंचे और रकीबुल केस के आइओ व डीएसपी से मिले। उन लोगों से केस के सिलसिले में बातचीत हुई। उनके मुताबिक रंजीत उर्फ रकीबुल से उनका संपर्क भर था कोई संबंध नहीं। उसके किसी रैकेट में शामिल नहीं रहे हैं। कभी किसी तरह के पैसे का लेनदेन नहीं किया है। साजिश के तहत उन्हें बदनाम किया जा रहे हैं। अपने को पाक साफ साबित करने के लिए वे सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेंगे।