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दस साल से नहीं मिल रहा खाद्यान्न

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 07:33 PM (IST)

करौं (देवघर) : सरकार भले ही जरूरतमंदों को ध्यान में रखकर कल्याणकारी योजनाएं संचालित करें, लेकिन हकीकत में वाजिब लाभ नहीं हो रहा है। डिंडाकोली पंचायत के टिकैतबांध गांव में भी कुछ ऐसी ही स्थिति है। लगभग पांच सौ वांशिदों के इस गांव के अधिकांश लोग दलित समुदाय से आते हैं। मगर आज भी इन्हें कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। आलम यह है कि पिछले दस साल से इन्हें खाद्यान्न नहीं मिल रहा। अब गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों की इस स्थिति का जिम्मेदार कौन यह बताने वाला कोई नहीं है।

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सूची में नाम नहीं

अर्जुन महरा, चरकू महरा, भीम महरा, काली महरा, बेलू महरा, चुटो महरा, बैजनाथ महरा, भुवन महरा आदि ने बताया कि पूर्व में इनका नाम बीपीएल सूची में था, जिससे इन्हें अनाज और किरासन मिलता था, बाद में सूची से नाम हटा दिया गया। जिससे वे लाभ से वंचित हो गए। हालांकि कुछ लोगों को डीलर द्वारा दो लीटर तेल दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने लाल कार्ड बनवाने की मांग की है, ताकि इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उधर डीलर का कहना है कि वितरण नियमों को ध्यान में रखकर होता है।

वर्जन--

गांव के लोगों की समस्या की जांच की जाएगी। इसके बाद जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी उसे किया जाएगा।

-मो. रहमतुल्लाह

प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी


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