श्रावणी मेला में जैसे भक्त वैसी हो रही पूजा
देवघर : श्रावणी मेला, जहां भक्ति व आस्था की चरम दिखाई देती है। आस्था के इस सफर में रोजगार भी है, लेकिन आस्था भुनानेवालों की संख्या भी कम नहीं है।
जी हां श्रावणी मेला में भक्त देखकर पूजा हो रही है, तभी तो मेला के 11 दिन गुजर जाने के बाद भी अधिकांश दुकानों में मूल्य तालिका नहीं टंगी है। जबकि प्रशासन की ओर से पूर्व में ही कई सामग्रियों के दर निर्धारित कर दुकान में आवश्यक रूप से मूल्य तालिका टांगने का निर्देश दिया गया था। कांवरिया पथ हो या मेला क्षेत्र कहीं भी इस निर्देश का अनुपालन नहीं हो रहा है। खाद्य सामग्री भी खुले में रखे जा रहे हैं। प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है। मूल्य तालिका नहीं टांगने का नतीजा है कि मनमानी कीमत ली जा रही है। चाय पांच रुपये से 12 रुपये में बिक रही है। फल का भी यही हाल है। कीमत पर प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है। छत्तीसगढ़ से आए राकेश कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष तीन हजार में वह मेला से घर वापस हो गए थे लेकिन इस बार कीमतें दोगुनी से भी ज्यादा है। पहले 15 से 20 रुपया में भोजन हो जाता था अब 50 से 60 रुपया देना पड़ता है। केला भी 60 से 70 रुपया दर्जन मिल रहा है। मंगलवार देर शाम जब अनुमंडलाधिकारी ने कांवरिया पथ में दुकानों का निरीक्षण किया तो स्थिति चौकानेवाली थी। सरासनी तक दर्जनों दुकानों में महज दो दुकान में मूल्य तालिका मिली।
सरासनी तक दुकानों के निरीक्षण में महज दो दुकान में मूल्य तालिका लगी हुई थी। शीघ्र ही अन्य दुकानों में रेट चार्ट नहीं लगाया गया तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खाद्य सामग्री भी ढक कर रखना है।
जय ज्योति सामंता, अनुमंडलाधिकारी, देवघर