चांद का हुआ दीदार, जश्न-ए-ईद आज
चतरा : एक माह की कठिन साधना पूरी हुई उनकी, जिन्होंने अल्लाह के इबादत में रोजा रखा, तरावीह पढ़ी, नमाज
चतरा : एक माह की कठिन साधना पूरी हुई उनकी, जिन्होंने अल्लाह के इबादत में रोजा रखा, तरावीह पढ़ी, नमाज अदा की और इफ्तार किया। भूख-प्यास की ¨चता छोड़ अल्लाह की बंदगी में अपना ध्यान लगाए रखा। रोजेदारों को जैसे ही चांद के दीदार की खबर मिली, आंखें बंद कर अल्लाह का ध्यान लगाया और दोनों हाथों से अपने ललाट को स्पर्श किया। रोजा रखने का फल मिलने की आंकक्षाएं पूरी हुई और ईद मनाने की खुशियां झलक पड़ी। लोग एक दूसरे को गले मिलकर बधाई दी और ईद की तैयारी में जुट गए। दूसरे समुदाय के लोग भी मुसलिम भाइयों को शुभकामनाएं दे रहे हैं। वातावरण में ईद की सुगंध वैसे फैल रही है मानो अल्लाह के संदेश पालन करने से खुशबू का आनंद मिलता है। सर्वत्र खुशियों का ज्वार उठ रहा है। काजी-ए-शरियत मुफ्ती नजरे तौहीद ने चांद देखे जाने की विधिवत रूप से घोषणा की। जाम-ए-मस्जिद में एतेकाफ में बैठे काजी-ए-शरियत ने चांद की पूरी तहकीकात के बाद इसकी घोषणा की। कहा कि मैं बाहैसियत काजी-ए-शहर इस बात का एलाने करता हूं कि ईद का चांद होने की पक्की और सच्ची खबर मिली है, इसलिए सोमवार को ईद मनाई जाएगी। जाम-ए-मस्जिद से उन्होंने कहा कि इस्लाम में चांद का बहुत महत्व है। इस्लामी महीना चांद से ही चलता है। उन्होंने कहा कि इस्लामी महीना 29 या 30 दिनों का होता है। उन्होंने कहा कि चांद देखना मुसलमानों को लाजमी है। हालांकि लोग इस जिम्मेवारी से दूर भागते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ ईद और बकरीद की चांद को देखते हैं, वह भी सारे लोग नही। उन्होंने ईद की नमाज और फितरा पर भी चर्चा की। कहा कि ईद की नमाज से पहले हर मुसलमा को फितरा का रकम निकालना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर चांद स्पष्ट रूप से देखा गया है। इधर चांद का दीदार होते ही मुसलिम बहुल इलाकों में आतिशबाजी की गई। लोगों ने एक दूसरे को गले लगकर ईद की अग्रिम बधाई दी। चांद का दीदार होते ही लोग ईद के नमाज की तैयारियों में जुट गए।