शहर में चार दिनों से जलापूर्ति बाधित
चतरा : शहरवासियों को बरसात में भी पीने के पानी का संकट आ गया है। चार दिनों से शहर के ज्यादातर हिस्सो
चतरा : शहरवासियों को बरसात में भी पीने के पानी का संकट आ गया है। चार दिनों से शहर के ज्यादातर हिस्सों में जलापूर्ति बाधित है। सप्लाई वाटर के लिए त्राहि-त्राहि मचा हुआ है। पांच दिनों से शहर में लो-वाल्टेज की समस्या उत्पन्न हो गई है। बरही पावर स्टेशन में आई तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। लो-वाल्टेज के कारण डैम का मोटर काम नहीं कर रहा है। ऐसे में हेरू डैम से पानी फिल्टर प्लांट तक नहीं आ रहा है। परिणामस्वरूप शहर की जलापूर्ति रविवार से मंगलवार तक ठप रही । बुधवार को कुछ देर के लिए वाल्टेज में सुधार हुआ था। उसके बाद तीन में से दो जलमीनार में पानी चढ़ाया गया था। लेकिन क्षमता के अनुकूल पानी नहीं चढ़ सका। ऐसे में गुरूवार को शहर के कुछ क्षेत्रों में आधा से एक घंटा तक जलापूर्ति की गई थी। लेकिन पानी का प्रेशर अधिक नहीं था। जिसके कारण बहुत कम ही लोगों को पानी मिल सका। ऐसे में पानी के लिए शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र लाइन मोहल्ला, किशुनुपर, दीभा आदि क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आशुतोष कुमार का कहना है कि जब तक बिजली की समस्या का निदान नहीं होगा, तब तक जलापूर्ति की स्थिति में सुधार संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वाल्टेज की स्थिति में सुधार को लेकर बिजली अधिकारियों से बार बार आग्रह किया जा रहा है। लेकिन उसके बाद भी स्थिति यथावत है। इधर बिजली संचरण के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि लो-वाल्टेज की समस्या समाधान का प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना है कि बगैर अर्थिंग पर चतरा शहर की बिजली है। जब तक अर्थिंग की व्यवस्था नहीं होती है, तब तक हाई और लो वाल्टेज का खेल चलता रहेगा।